वाराणसी: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए जमीन और मकानों के अधिग्रहण का मुद्दा आन्दोलन का रूप ले चुका है. वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में एक अन्य मंदिर को भव्य तीर्थस्थल के रूप में डेवेलप करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. संत रविदास की जन्मस्थली पर बने मंदिर को अब स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर डेवलप किए जाने की योजना पर काम शुरू हो गया है. इसके लिए मंदिर के आसपास की जमीन और मकानों को अधिग्रहित किया जाना है. इस मंदिर के विकास की चर्चा 2016 में पीएम मोदी और इसी साल फ़रवरी में सीएम योगी के यहां आने के बाद से ही शुरू हो चुकी थी.
संत रविदास मंदिर को भव्य तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर काम शुरू
पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की इच्छा के अनुरूप संत रविदास मंदिर को भव्य तीर्थस्थल के रूप में डेवलप करने की योजना पर काम शुरू हो चुका है. इसी साल सीएम योगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर संत रविदास के जन्मदिवस के अवसर पर यहां पहुंचे थे. उन्होंने तभी घोषणा की थी कि संत रविदास मंदिर सीर गोवर्धन को टूरिज्म के नक्शे पर तीर्थ स्थल के रूप में डेवलप किया जाएगा. उन्होंने मंत्रियों, विधायकों, स्थानीय बीजेपी नेताओं और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से मंदिर की मैनेजमेंट कमेटी के साथ बैठकर प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा था. सीएम योगी के निर्देश पर बीते महीने वाराणसी से विधायक और राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी, डीएम योगेश्वर राम मिश्र, वीडीए सेक्रेटरी विशाल सिंह और बीजेपी के सीनियर नेता सुरेश सिंह ने मंदिर की मैनेजमेंट कमेटी के साथ लगभग तीन घंटे तक मीटिंग की.
सौ एकड़ से अधिक जमीन पर बनेगा संत रविदास की जन्मस्थली को भव्य तीर्थ
मंदिर कमेटी के लोगों ने बताया कि संत रविदास की जन्मस्थली को भव्य तीर्थ में बदलने के लिए सौ एकड़ से अधिक की जमीन की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने अधिकारियों से मंदिर के आसपास और दूसरे स्थानों पर जमीन उपलब्ध कराने की बात कही. डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और वाराणसी डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक इसके लिए 113 एकड़ जमीन की जरूरत है, जो अधिग्रहित की जाएगी. इसके अलावा मंदिर के आसपास 100 से अधिक भवनों का अधिग्रहण करना होगा. इसके लिए डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इलाके का सर्वे कर एरिया भी आइडेंटिफाई कर लिया और रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. इसके अलावा वीडीए ने अधिग्रहित की जाने वाली जमीन का डिजिटल मैप भी एडमिनिस्ट्रेशन को सौंपा है.
मेडिकल फैसिलिटी देने के लिए 150 बेड का अस्पताल भी बनेगा
फिलहाल इस योजना के ड्राफ्ट के अनुसार संत रविदास जन्मस्थली के चारों ओर श्रद्धलुओं के लिए 50 मीटर चौड़ा परिक्रमा पथ बनाया जाना है. इसके अलावा इस इलाके में सत्संग हॉल, मंदिर में काम करने वाले संत-सेवादारों के लिए रेजिडेंस, लाइब्रेरी, गोशाला, ऑडिटोरियम, और श्रद्धालुओं के लिए अन्य सुविधाएं डेवलप करने की भी योजना है. यहीं तीर्थयात्रियों को मेडिकल फैसिलिटी देने के लिए 150 बेड का अस्पताल भी बनेगा. इस प्रोजेक्ट में मंदिर की तरफ जाने वाली सामनेघाट-छितूपुर रोड को भी चौड़ा किया जाएगा. इस रोड की चौड़ाई अभी आठ मीटर है, जिसे बढाकर 12 मीटर किया जाएगा.
नेशनल हाईवे नंबर 2 के किनारे खाली पड़ी जमीन भी अधिग्रहित की जाएगी
इस प्रोजेक्ट के बारे में वाराणसी डेवलपमेंट अथॉरिटी के वाइस-चेयरमैन राजेश कुमार ने जानकारी दी कि संत रविदास जन्मस्थली का डेवलपमेंट मंदिर के मैनेजमेंट की सलाह और सहयोग से किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का नक्शा तैयार करने की जिम्मेदारी जालंधर और वाराणसी के आर्किटेक्ट्स की टीम मिलकर करेगी. उन्होंने बताया कि मंदिर के आसपास संत रविदास चैरिटेबल ट्रस्ट की आठ एकड़ जमीन और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की 10 एकड़ जमीन मौजूद है. मंदिर के प्रोजेक्ट के लिए जरूरी लगभग 100 एकड़ जमीन और आसपास के भवनों का अधिग्रहण करना होगा. साथ ही मंदिर के पास से लेकर नेशनल हाईवे नंबर 2 के किनारे खाली पड़ी जमीन भी इस प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की जाएगी.