मुजफ्फरनगर: कैराना में 28 मई को होने वाले उपचुनाव के लिए जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 10 मई है. जिला चुनाव अधिकारी इंदर विक्रम सिंह ने बताया कि नामांकन दाखिल करने के लिए केवल पांच लोगों को अंदर जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि सुचारू रूप से उपचुनाव कराने के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं.


बीजेपी की उम्मीदवार होंगी मृगांका
बीजेपी ने कैराना से दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को प्रत्याशी बनाया है. मृगांका ने 2014 में कैराना से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन वे समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन से हार गईं थीं. माना जा रहा है कि वे 10 मई को नामांकन दाखिल कर सकती हैं. गौरतलब है कैराना लोकसभा सीट सांसद हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई थी.


बीजेपी की जोरदार तैयारी
बता दें कि गोरखपुर और फुलपुर लोकसभा सीट गंवा चुकी भाजपा, कैराना और नुरपुर के उपचुनाव में हर फैसले में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है. पहले के दोनों उपचुनावों में संगठन की कमजोरी सामने आई थी, जिसके बाद इस बार पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है. पार्टी की निगाहें इस उपचुनाव की तैयारी पर लगी हुई हैं.


आरएलडी की उम्मीदवार होंगी तबस्सुम, समर्थन देंगे एसपी और बीएसपी
बीजेपी उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए अखिलेश ने भी बड़ा फैसला किया है. उन्होंने सपा की नेता तबस्सुम हसन को राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर मैदान में उतारा है. तबस्सुम के पति मुनव्वर हसन भी कैराना के सांसद रह चुके हैं. 2008 में सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी.


ये है जीत का फॉर्मूला?
समाजवादी पार्टी की नेता तबस्सुम हसन को आरएलडी से लड़ाने का आइडिया अखिलेश यादव का है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष इस फ़ार्मूले से जाट और मुस्लिम वोट को साथ रखना चाहते हैं. जाट वोटर आरएलडी के साथ माने जाते हैं. जबकि मुसलमान वोटर का समर्थन एसपी को मिलता रहा है. आपको बता दें कि तबस्सुम को उम्मीदवार बनाने का फैसला अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की मुलाकात के बाद हुआ है.