1. रायपुर के पिंडरी थाने में प्रकाश बजाज नाम के एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई कि उनको धमकी भरा एक फोन आया है. फोन करने वाले ने कहा कि अगर तुमने पैसे नहीं दिए तो तुम्हारे आका की सीडी वायरल कर दी जाएगी. हालांकि, प्रकाश बजाज ने फोन करने वाले का नाम नहीं बताया.

2. इस फोन कॉल के आधार पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने दिल्ली में एक शख्स को पकड़ा जो सीडी बनाता है. इस आदमी ने पुलिस को बताया कि विनोद वर्मा ने उसे 1000 सीडी बनाने को कहा है.



3. इस बयान के आधार पर पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा को उनके गाजियाबाद स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी तड़के करीब तीन बजे हुई. विनोद को इंदिरापुरम पुलिस थाने ले जाया गया जहां उनके वकील और बाकी पत्रकारों का जमावड़ा होना शुरु हो गया.

4. दूसरी ओर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने एबीपी न्यूज़ संवाददाता ज्ञानेंद्र तिवारी को बताया कि विनोद, उनके और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए सोशल मीडिया का काम देखते हैं. जिस सीडी के बारे में बात की जा रही है वह राज्य की सत्ताधारी पार्टी के एक मंत्री की है.



5. बघेल ने ये भी बताया कि यह सीडी पहले से ही सार्वजनिक है और उनके पास भी है. यह कह कर उन्होंने मीडिया के सामने वह सीडी भी दिखाई. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि किस मंत्री की यह सीडी है.

6. बैकफुट पर जाती छत्तीसगढ़ पुलिस ने आनन फानन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें कहा कि विनोद ने बजाज को फोन नहीं किया था. पुलिस यह भी नहीं बता पाई कि आखिर सीडी में है क्या. साथ ही पुलिस उस आका के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दे पाई जिसका जिक्र बजाज ने किया था.

7. इधर गाजियाबाद पुलिस ने विनोद वर्मा की गिरफ्तारी में अपनी भूमिका से इंकार कर दिया. पुलिस ने कहा कि मामला छत्तीसगढ़ में दर्ज है और यूपी पुलिस का इससे कोई वास्ता नहीं है.



8. इंदिरापुरम थाने के बाहर पत्रकारों का जमावड़ा शुरु हो गया और विनोद वर्मा के पक्ष में ट्वीट, फेसबुक पोस्ट किए जाने लगे. कई पत्रकारों का कहना है कि बीजेपी के मंत्री के खिलाफ आवाज उठाने की सजा उनको दी जा रही है.

9. जिस दौरान पुलिस विनोद वर्मा को कोर्ट ले जा रही थी, विनोद ने कहा कि वे निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और इनका कहीं कोई आधार नहीं है. विनोद ने साफ कहा कि बीजेपी के मंत्री राजेश मूणत के इशारे पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

10. ताजा जानकारी ये है कि कोर्ट में पुलिस बरामद सीडी नहीं दिखा पाई है और एफआईआर में विनोद का नाम भी नहीं है. पुलिस ने रिमांड मांगी है लेकिन कोर्ट ने अभी तक रिमांड नहीं दी है.