लखनऊ: नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध-प्रदर्शन के बीच जारी हिंसा पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सख्त हो गई है. इस मामले में यहां यूपी पुलिस ने पिछले चार दिनों में मुस्लिम एक्सट्रिमिस्ट ऑर्गेनाइजेशन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लगभग 108 लोगों को गिरफ्तार किया है. यूपी के बहराइच में पीएफआई से जुड़े 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया. बिजनौर में पीएफआई से जुड़े चार सदस्य को गिरफ्तार किया गया है. जौनपुर से भी एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी के पास से पुलिस को विवादित सामग्री भी मिली है.
गौरतलब है कि 20 दिसंबर को यूपी में भड़की हिंसा में पीएफआई का हाथ बताया जा रहा है. इसी के बाद से यूपी पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज की है. यूपी के एडिशनल चीफ सेकरेट्री अवनीश के अवस्थी ने इस मामले में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने बताया कि पीएफआई के 108 सदस्यों को पिछले चार दिनों में गिरफ्तार किया गया है. एडिशनल चीफ सेकरेट्री ने बताया कि ये गिरफ्तारी उन 25 लोगों से अलग है जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था.
पीएफआई के फंडिंग की हो रही जांच
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि राज्य की पुलिस पीएफआई के फंडिंग सोर्स की जांच कर रही है. इस काम पर इनफोर्समेंट डाइरेक्टरेट सहित अन्य सेंट्रल एजेंसियों की मदद ली जा रही है. इससे पहले आपको बता दें कि यूपी ने पिछले साल दिसंबर में पीएफआई पर बैन लगाने की मांग की थी. बैन की मांग तब की गई थी जब राज्य में चल रहे नागरिकता कानून पर विरोध-प्रदर्शन में हिंसा फैलाने में पीएफआई के रोल पर शक हुआ था.
इस मामले में यूपी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संस्था पर बैन लगाने की मांग की है. यह मांग तब की गई थी जब पीएफआई के यूपी हेड वसीम सहित 16 अन्य लोगों को सीएए प्रोटेस्ट के दौरान लखनऊ में हिंसा फैलाने के मास्टरमाइंड के तौर पर गिरफ्तार किया गया था.
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