(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी: 'दंगाईयों' को जारी किए गए नोटिस, सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने वालों से वसूली करेगी सरकार
यूपी के कई जिलों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था. इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा था कि सरकार इन उपद्रवियों से ही उस पैसे को वसूल करेगी जो इन्होंने सरकारी संपत्ति का नुकसान किया है.
यूपी के कई जिलों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था. इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा था कि सरकार इन उपद्रवियों से ही उस पैसे को वसूल करेगी जो इन्होंने सरकारी संपत्ति का नुकसान किया है. अब प्रशासन ऐसे लोगों को चिन्हित कर नोटिस जारी कर रहा है.
ऐसे 28 लोगों को रामपुर में, 26 को संभल में, 43 को बिजनौर में और 33 को गोरखपुर में नोटिस दिए गए हैं. इन लोगों पर प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
नोटिस के मुताबिक 14.8 लाख के संपत्ति को रामपुर में नुकसान पहुंचाया गया जबकि 15 लाख की सपंत्ति का नुकसान संभल में किया गया. बिजनौर में 19.7 लाख की संपत्ति हिंसा की भेंट चढ़ गई.
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गोरखपुर में कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी अभी की जा रही है. रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि जिन लोगों के पत्थर फेंकते हुए और संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए वीडियो सामने आए थे केवल उन्हीं को नोटिस दिए गए हैं.
उन्होंने कहा- हमने जवाब देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है. इसके बाद हम सरकारी विभागों जैसे पीडब्ल्यूडी, परिवहन, नगरपालिका और पुलिस, जिनकी संपत्ति इस हिंसा में नष्ट हुई है, उनसे विस्तृत रिपोर्ट मांगेंगे. इस हिंसा के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
संभल के डीएम अविनाश कृष्ण सिंह ने कहा- हमने 26 लोगों को नोटिस भेजा है जिन्होंने सरकारी संपत्ति का नुकसान किया है. कुछ लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया है.
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बिजनौर के डीएम रमाकांत पांडे ने कहा- प्रदर्शनकारियों ने 19.7 लाख की संपत्ति का नुकसान किया. इस मामले में हमने 43 दंगाईयों को नोटिस दिया है. आगे की कार्रवाई में कुर्की भी हो सकती है.
गोरखपुर में सीओ वीपी सिंह ने कहा कि ऐसे लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी जो नोटिस के जवाब नहीं देंगे.
दूसरी ओर जिन लोगों को नोटिस पहुंचा है उनमें से काफी का कहना है कि वे लोग प्रदर्शन में शामिल नहीं थे. कुछ काफी गरीब हैं और वकील को भी पैसे नहीं दे सकते हैं.
रामपुर में पप्पू, मोहम्मद और जमीर को नोटिस मिले हैं. पप्पू की पत्नी सीमा जो 5 बच्चों का लालन-पालन कर रही है, उसने एक अंग्रेजी अखबार से कहा कि मेरे पति एक दिहाड़ी मजदूर हैं जिन्हें सोते वक्त पुलिस घर से उठा ले गई.
जमीर की पत्नी तस्लीम ने कहा- हमारे पास सरकार को देने के लिए कोई पैसा नहीं है. हम पैसे कहां से लाएं.
महमूद के रिश्तेदार वसीम ने कहा कि महमूद हिंसा में शामिल था इसकी पुष्टि के लिए कोई तस्वीर नहीं है. पुलिस अचानक आई और इन लोगों को गिरफ्तार करके ले गई.