पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने एक अनोखा फैसला लेते हुए 19 जनवरी यानि रविवार को सभी स्कूल खोलने के निर्देश जारी किए हैं. 19 जनवरी को विश्व का सबसे बड़ी ह्यूमन चेन यानि मानव श्रृंखला बनाई जाएगी जो लगभग 16 हजार किलोमीटर लंबी होगी. शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर क्लास एक से लेकर बारहवीं तक के बच्चों को इस चेन में शामिल होने को कहा है. इस दौरान स्कूल के सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों को मौजूद रहने का आदेश दिया गया है.


वर्ष 2017 में 21 जनवरी को शराबबंदी के पक्ष में 4 करोड़ लोगों के साथ वहां 21 जनवरी 2018 को बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ 14 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. अब एक बार फिर 19 जनवरी 2020 को दहेज प्रथा एवं बाल विवाह, शराबबंदी और जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर मानव श्रृंखला बनाने का कार्यक्रम सुनिश्चित किया गया है, इस बार 16 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने का लक्ष्य है.


बिहार में बहुचर्चित जल जीवन हरियाली मिशन का काम इन दिनों ज़ोरों से चल रहा है.बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपने इस खास मिशन को लेकर इन दिनों लगातार राज्य के सभी जिलों और प्रखंड स्तर पर भ्रमण कर रहे हैं. बिहार में पड़ती कड़ाके ठंड को भी मात देकर अपने खास मिशन जल जीवन हरियाली को पूरा करने के लिए एक ज़िले से दूसरे ज़िले तक भ्रमण कर रहे हैं.


मिशन जल जीवन हरियाली से होगी योजनाओं की शुरुआत


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 अक्टूबर 2019 को बिहार में जल-जीवन-हरियाली मिशन की शुरुआत की है. इस योजना के पहले चरण में प्रदेश के सभी जिलों, प्रखंडों और पंचायत स्तर पर कम से एक योजना की शुरुआत की जाएगी. सभी जिलों के प्रभारी मंत्री अपने संबंधित जिलों में कार्यक्रम का आगाज करेंगे. इस कार्यक्रम की शुरुआत होने के साथ सभी जिले, प्रखंड और पंचायत में वेब कास्टिंग की जाएगी.विभाग के स्तर से जिला से लेकर पंचायत तक को निर्देश दिया गया है.


नौ क्षेत्रों में कराए जाएंगे कार्य


योजना के मुताबिक जल-जीवन-हरियाली मिशन में नौ क्षेत्रों में काम होंगे. सरकार के 12 विभागों को तीन साल में योजना को पूरा करना होगा. तीन साल के दौरान नौ क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने को 24 हजार 524 करोड़ रुपये के खर्च का प्रस्ताव तैयार किया गया है.


छोटी नदियों का होगा जीर्णोद्धार


इस योजना के तहत 65 हजार 697 छोटी नदियों, नाले के अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में जल संग्रह के लिए डैम और अन्य संरचनाओं का निर्माण किया जाना है. जबकि 81हजार 201सार्वजनिक कुओं का भी जीर्णोद्धार किया जाना है.


कुएं, चापाकल और नलकूप का किया जाएगा निर्माण


इसके साथ ही 3 लाख 14 हजार 960 कुएं, चापाकल, नलकूप के किनारे सोख्ता या जल रीचार्ज का निर्माण किया जाना है. इस योजना के तहत 62 हजार 412 तालाब, आहर, पइन, पोखर का जीर्णोद्धार भी किया गया है.


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