दुनिया ने देखी कुंभ की भव्यता, 187 देशों के प्रतिनिधि मेले में पहुंचकर हुए अभिभूत
विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के मुताबिक़ विदेशी प्रतिनिधियों को कुंभ में इसलिए लाया गया है कि ताकि भारत की संस्कृति व आध्यात्मिकता को नई पहचान मिल सके और समूची दुनिया में इसका प्रचार प्रसार हो सके.
प्रयागराज: संगम के शहर प्रयागराज में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन कुंभ मेले की भव्यता और दिव्यता से समूची दुनिया रूबरू हुई. दुनिया के 187 देशों के प्रतिनिधियों ने कुंभ मेले के आयोजन को नज़दीक से देखा. विदेशी मेहमान मेले में पहुंचकर अभिभूत हो गए और एक-एक जगह को टकटकी लगाए बस देखते ही रह गए.
पीएम मोदी की पहल पर मेले में आए विदेशी प्रतिनिधियों ने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को करीब से जानने और समझने की कोशिश की. कुंभ की भव्यता और दिव्यता का दीदार करने वालों में पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ ही कई इस्लामिक देशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे.
इन विदेशी मेहमानों को विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह दो विशेष विमानों से लेकर प्रयागराज पहुंचे. कुंभ नगरी में इन विदेशी प्रतिनिधियों का जगह -जगह भव्य स्वागत किया. कहीं इन्हे फूलों की माला पहनाई गई तो कहीं इनके स्वागत में ढोल -नगाड़े और बैंड बजे.
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यूपी सरकार की तरफ से इन विदेशी मेहमानों का स्वागत कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने किया. दुनिया के तकरीबन हरेक देशों से आए प्रतिनिधियों ने कुंभ मेले में पहुंचकर यह भी समझा कि बिना किसी बुलावे या निमंत्रण के कैसे बीस करोड़ से ज़्यादा लोग तमाम मुश्किलों को झेलते हुए आस्था की डुबकी लगाने के लिए चले आते हैं.
विदेशियों ने करोड़ों की भीड़ को बिना किसी दुर्घटना या हादसे के सुरक्षित वापस भेजे जाने के मैनेजमेंट को भी समझने की कोशिश की. पाकिस्तान समेत इस्लामिक देशों के प्रतिनिधियों ने कुंभ के आयोजन को गहराई से जानने में खासी दिलचस्पी दिखाई.
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विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के मुताबिक़ विदेशी प्रतिनिधियों को कुंभ में इसलिए लाया गया है कि ताकि भारत की संस्कृति व आध्यात्मिकता को नई पहचान मिल सके और समूची दुनिया में इसका प्रचार प्रसार हो सके. उनका दावा है कि इससे प्रयागराज ही नहीं बल्कि समूचे भारत का पर्यटन भी बढ़ेगा.
187 देशों के 189 विदेशी मेहमान एयरपोर्ट से सीधे कुंभ मेले के अरैल इलाके में पहुंचे. यहां उन्होंने संस्कृति ग्राम को देखा और अरैल घाट से संगम का दर्शन किया. विदेशियों को वहां की टेंट सिटी दिखाई गई. इसके बाद इन्हे क्रूज के जरिये संगम के रास्ते किला घाट लाया गया.
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यहाँ से ये लोग अक्षयवट गए और वहां से संगम पहुंचकर गंगा पूजन व आरती की. इन्होने सांस्कृतिक पंडाल में कल्चरल प्रोग्राम्स भी देखे. विदेशी मेहमानों का चयन उनके देशों के दूतावासों के जरिये किया गया. चयन में इस बात का ख़ास ध्यान रखा गया कि उन्ही डेलीगेट्स को वरीयता दी जाए, जिन्हें भारतीय संस्कृति की समझ व दिलचस्पी हो. मोदी सरकार इससे पहले जनवरी महीने में तकरीबन तीन हजार अप्रवासी भारतीयों और दिसंबर महीने में बहत्तर देशों के राजदूतों को भी कुंभ की भव्यता से रूबरू करा चुकी है.
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