पटना: एनआईए की स्पेशल कोर्ट में साल 2013 के बोधगया विस्फोट मामले में दोषी ठहराये गए इंडियन मुजाहिदीन के पांच आतंकवादियों को आज उम्रकैद की सजा सुनाई गई. एनआईए के विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार सिन्हा ने पांच आरोपियों इम्तियाज अंसारी, हैदर अली, मुजीबुल्ला, ओमैर सिद्दिकी और अजहरूद्दीन कुरैशी को उम्रकैद की सजा सुनाई. 25 मई को इन सभी को इस मामले में दोषी करार दिया गया था.


दुनियाभर में मशहूर बौद्ध तीर्थस्थल बोधगया में सात जुलाई 2013 को सिलसिलेवार धमाके हुए थे. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था लेकिन बौद्ध भिक्षुकों समेत कुछ लोग घायल हो गए थे. दोषी ठहराए गए पांचो आरोपियों के अलावा एक अन्य आरोपी, तौफिक अहमद को भी मामले में किशोर न्याय अदालत ने पिछले साल अक्तूबर में दोषी ठहराया था. उसे तीन साल के लिए सुधारगृह भेज दिया गया था.


इन सभी के खिलाफ साल 2013 में पटना में हुए विस्फोट के मामले में भी सुनवाई चल रही है. पटना में साल 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक चुनावी रैली में कई बम विस्फोट हुए थे. इसमें जिसमें छह लोगों की मौत हो गयी थी और 89 लोग घायल हो गए थे.


बोधगया विस्फोट पर अदालत के फैसले के बाद विशेष सरकारी वकील ललन कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘ अदालत हमारी दलीलों से पूरी तरह सहमत हो गयी थी कि आरोपियों की मंशा लोगों को हताहत करना है इसलिए वे अधिकतम सजा के पात्र हैं. चूंकि विस्फोट से कोई मौत नहीं हुई इसलिए अदालत ने मृत्युदंड नहीं दिया.’’ बचाव पक्ष के वकील सूर्य प्रकाश सिंह ने इस फैसले पर असंतुष्टि प्रकट की.