कुशवाहा को पसंद नहीं आया बीजेपी-जेडीयू का 50-50 फॉर्मूला? तेजस्वी यादव से मिले
दिल्ली में जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की अमित शाह से मुलाकात के बीच बिहार में केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की.
नई दिल्ली: भले ही लोकसभा चुनाव में अभी लंबा वक्त हो लेकिन बिहार में सियासी समीकरण अभी से बनने-बिगड़ने लगे हैं. कल दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच मुलाकात हुई. दोनों ही नेताओं ने सीट शेयरिंग पर चर्चा की. फैसला हुआ कि दोनों (बीजेपी-जेडीयू) पार्टियां बराबर-बराबर सीटों पर लड़ेगी. हालांकि कितने सीटों पर लड़ेगी इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जेडीयू 17-17 सीटों पर लड़ सकती है.
दिल्ली में जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की अमित शाह से मुलाकात के बीच बिहार में केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की. बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए में शामिल उपेंद्र कुशवाहा ने हालांकि इस मुलाकात को सिर्फ संयोग बताया. हालांकि राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि दोनों (रालोसपा और आरजेडी) के बीच काफी लंबे समय से खिचड़ी पक रही है.
Met Union Minister and RLSP Chief Sh. @UpendraRLSP Ji at Arwal Circuit guest house. pic.twitter.com/qQm8fAHAmp
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 26, 2018
कुशवाहा के मुलाकात के बाद तेजस्वी ने कहा, ‘‘2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी ने 40 में से 22 सीटें जीती थी. कुमार को एक बराबर साझेदार समझे जाने की इच्छा जताई जा रही है जिन्होंने केवल दो सीटें जीती थी और वह (बीजेपी) अपना जनाधार खो चुकी है जिससे अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निराशा का पता चलता है.’’
तेजस्वी ने नीतीश कुमार और अमित शाह की मुलाकात पर कहा, ''आरजेडी गठबंधन के बढ़ते जनाधार, ज़मीनी हक़ीक़त और सर्वे का सामना करने के बाद नीतीश जी और बीजेपी के हाथ-पैर फ़ुल गए इसलिए आनन-फ़ानन में यह वोट कटाव रोकने का प्रयास है. बिहार क्रांति व बदलाव की धरती है. ये चाहे ट्रम्प को भी मिला लें, बिहार की न्यायप्रिय जनता इनको कड़ा सबक़ सिखायेगी.'' क्या बोले शाह? अमित शाह ने नई दिल्ली में कहा कि रालोसपा और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी सहित बिहार में एनडीए के घटक दलों की सीटों की संख्या के बारे में घोषणा दो-तीन दिनों में की जाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या कुशवाह एनडीए का अंग बने रहेंगे, शाह ने दावा किया कि गठबंधन पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करेगा. चारों पार्टियां राजग में बरकरार रहेंगी. पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 31 सीटें जीती थीं. पिछले चुनाव में नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. रामविलास पासवान क्या करेंगे? सूत्रों की मानें तो इस बात की संभावना बन रही है कि पासवान 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्हें बीजेपी की मदद से राज्यसभा भेजा जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, अगर बीजेपी रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजने पर राज़ी होती है तो एलजेपी सीटों की अपनी मांग पर लचीला रुख़ अपनाने को भी तैयार हो जाएगी. पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने इस बात के संकेत भी दिए. पासवान की पार्टी को पसंद आया जेडीयू-बीजेपी का फॉर्मूला, कहा- हम इसका स्वागत करते हैं उन्होंने कहा, ''पार्टी के तौर पर तो हम पिछली बार की तरह ही 7 सीटें लड़ना चाहते हैं लेकिन गठबंधन के भीतर जेडीयू के रूप में एक नई पार्टी और नीतीश कुमार के रूप में एक बड़ा चेहरा आया है .... इसलिए गठबंधन के हित को ध्यान में रखते हुए हमें थोड़े बहुत समझौते करने पड़े तो हम तैयार हैं.''