लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 1,750 करोड़ रुपये के निवेश से अगले साढ़े चार साल में 20 शहरों में चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. ईआईएल कंपनी की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ईआईएल 20 शहरों में बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करेगी, जिससे सीएनजी या अन्य वैकल्पिक ईंधन की तुलना में प्रति किलोमीटर लागत खर्च घटेगा.


ईआईएल इस परियोजना में चरणबद्ध तरीके से 1,750 करोड़ रुपये खर्च करेगी. उत्तर प्रदेश में ईवी इको सिस्टम स्थापित करने के लिए 20 शहरों में करीब 25000 ई-रिक्शा तैनात किए जाएंगे.

कंपनी ने यह घोषणा लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में की. परियोजना के तहत ईआईएल 25000 ई-रिक्शा चलाएंगी, जिससे राज्य में 50000 नौकरियों के अवसर पैदा होंगे. परियोजना से बैटरी चार्जिंग की लागत घटाने में मदद मिलेगी, जो सीएनजी या किसी अन्य वैकल्पिक ईंधन के बराबर होगी.

बयान के अनुसार, कंपनी का उद्देश्य ड्राइवर की आय बढ़ाकर उनका जीवन स्तर सुधारना है. इसके अलावा, यह हर दो वर्ग किलोमीटर में बैटरी स्वैपिंग का विकल्प देगा, साथ ही डिजिटल एपीपी की मदद से पास के बैटरी स्वैपिंग स्टेशन का पता लगाने में मदद करेगा. 2.3 मिनट में बैटरी को इन स्टेशन में बदला जा सकेगा, जिससे रिक्शा चलाने की उत्पादकता बढ़ेगी.