नई दिल्लीः मध्यप्रदेश के चर्चित व्यापम की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में घोटाला करने वाले सभी 31 आरोपियों को आज सीबीआइ की विशेष अदालत ने दोषी करार दे दिया. सीबीआई की विशेष अदालत इस मामले में सजा का ऐलान 25 नवंबर को करेगी. विशेष न्यायाधीश एसबी साहू ने फिलहाल सभी आरोपियों को सेंट्रल जेल भेजने के आदेश दिए हैं.
इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापम से जुड़े मामलों की जांच एसटीएफ से लेकर, सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने इस केस में 31 लोगों को आरोपी बनाया था. इस मामले में सुनवाई 2014 में शुरू हुई और 5 साल चली. इस मामले में अप्रैल 2017 में चार्जशीट दायर की गई थी. अदालत ने आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 467, 468, और 471 और एमपीआरई अधिनियम 3 (डी) (1) (2) / 4 के तहत 31 अभियुक्तों को दोषी ठहराया. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मध्य प्रदेश पुलिस से 23 जुलाई, 2015 को सीबीआई द्वारा 9 जुलाई 2015 और 11 सितंबर, 2015 को लिया गया था.
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सीबीआई, के स्पेशल वकील सतीश दिनकर ने बताया कि अधिकतर आरोपी भिंड मुरैना और उत्तरप्रदेश की अलग अलग जगहों के रहने वाले हैं. इस परीक्षा में उम्मीदवारों ने दलालों के माध्यम से पेपर लिखने वालों की व्यवस्था की थी. ऐसा करने वाले 12 लोगों की पहचान हो गई है. आरोपी करार दिए गए 31 आरोपियों में उम्मीदवारों के साथ, मिडिल मैन और फर्जी तरीके से पेपर लिखने वाले लोग शामिल हैं.
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