लखनऊ: देश का सबसे बड़ा राज्य अब योगी आदित्यनाथ के हवाले है. योगी के आने के बाद से देश का ध्यान यूपी की तरफ ज्यादा बढ़ गया है. योगी को यूपी की कानून व्यवस्था ठीक करनी है. विकास करना है. भ्रष्टाचार मिटाना है. युवाओं को रोजगार देना है और सूबे में सुशासन लाना है. क्या हिंदुत्व का ये पोस्टर बॉय इतना कुछ कर लेगा? वो भी तब जबकि छवि कुछ और बनी हुई है.


यूपी का सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने आरएसएस समर्थित अखबार पांचजन्य को पहला इंटरव्यू दिया है. इंटरव्यू में योगी ने अपने ऊपर रहे उठ रहे सवालों, आलोचनाओं और शंकाओं का जवाब दिया है. जानें कैसे अपनी नीतिय़ों से यूपी को बदलेंगे योगी ?


बूचड़खाना बंदी सही, मीटबंदी गलत


चुनाव में यूपी के बूच़ड़खानों को बीजेपी ने बहुत बड़ा मुद्दा खुद बनाया था. दावा किया कि बूच़ड़खाने बंद होंगे. बूच़ड़खानों को लेकर योगी सरकार ने कोई स्पष्ट आदेश नहीं निकाला लेकिन मटन शॉप से लेकर बूचड़खानों तक पर गाज गिर रही है. कार्रवाई को मुस्लिम विरोध के तौर पर देखा जा रहा है लेकिन योगी कह रहे हैं कि ये लोगों की सेहत से जुड़ा हुआ है.


पांचजन्य को दिए इंटरव्यू में योगी ने स्पष्ट किया है कि जिस बूचड़खाने के पास लाइसेंस है उसे कोई छेड़ेगा नहीं. जो अवैध है उसे लोगों की सेहत से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जा सकती है. तो वहीं यूपी में योगी सरकार बनने के बाद अघोषित तौर पर हुए मीटबंदी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कोई शाकाहारी बनता है कि वो स्वास्थ्य के लिए अच्छा करता है. जहां तक प्रतिबंध की बात ये है तो वो प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं. इसका अधिकार नहीं है उनके पास.


अयोध्या में बनेगा भव्य राम मंदिर ?


अयोध्या में भव्य राम मंदिर बीजेपी की दुखती रग है. जिस राम मंदिर आंदोलन के साए में बीजेपी पली बढी वो मंदिर बीजेपी आज तक बनवा नहीं पाई इसीलिए जब बीजेपी वाले राम मंदिर का नाम लेने से भी चुनाव परहेज करते रहे तब योगी ही थे जो डंके की चोट पर अयोध्या में राम मंदिर का नारा लगाते रहे. मुस्लिमों को ललकारते भी रहे. सीएम बनने के बाद योगी राम मंदिर पर क्या करेंगे, इसके जवाब का इंतजार बेसब्री से था.


पांचजन्य के इंटरव्यू में योगी ने सीएम बनने के बाद पहली बार अपनी सरकार की नीति साफ की है. योगी की नीति है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में जो आदेश दिया था उसने मंदिर मस्जिद के झगड़े की स्थिति साफ कर दी थी. अच्छा होगा कि बातचीत से समस्या का समाधान निकले. सरकार सहयोग के लिए तैयार है.


योगी की राष्ट्रनीति में भगवाधारी सही लेकिन तुष्टिकरण गलत


योगी भगवाधारी हैं. संन्यासी हैं. हिंदुत्व की बातें करते रहे हैं. 18 मार्च को जब उनको यूपी का सीएम बनाने का एलान हुआ तो देश ही नहीं विदेश में भी सनसनी मच गई. विदेशी अखबार भी भगवाधारी सीएम को पचा नहीं पाए. भगवाधारी योगी को मुस्लिमों के लिए खतरे की तरह पेश किया गया. योगी कहते हैं कि उन्हें भगवाधारी होने के कारण हो रही आलोचना की परवाह नहीं है. खतरा उनको दिख रहा है जो तुष्टिकरण करते रहे.


देश के अंदर बहुत से लोग हैं जिन्हें भगवा रंग से परहेज है. स्वाभाविक रूप से उनको बुरा लगेगा कि एक भगवाधारी यूपी में आ गया. अब तक जो इस देश के अंदर धर्मनिरपेक्षता के नाम पर, तुष्टिकरण के नाम पर देश की परंपरा और संस्कृति को अपमानित कर रहे थे, देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे थे उनको अपने अस्तित्व पर खतरा दिखाई दे रहा है इसलिए वह हर प्रकार की नकारात्मक टिप्पणी करेंगे. बहुत से लोग बोलते हैं कि यह भगवाधारी है लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं है. हमारा काम बताएगा, हम क्या हैं.


यूपी में सुशासन का 'योगी मंत्र' ?


पांचजन्य को दिए इंटरव्यू में योगी ने कहा, हमें सुशासन लाना है. उत्तर प्रदेश में हम सब मिलकर एक भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था, गुंडाराज से मुक्त समाज देंगे. इस दृष्टि से केन्द्र से मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार जो मार्गदर्शन कर रही है, वह हमारे लिए महत्वपूर्ण है.


मिड डे मील को लेकर क्या बोले योगी ?


स्कूलों में मिड डे मील की घटिया हालत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि मिड डे मील का पैसा सीधे छात्र के खाते में जाए. उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक छात्र को एक-एक टिफिन उपलब्ध करा देंगे और उनसे कहेंगे कि खाना अपने घर से लेकर आएं. मुझे लगता है, इससे स्कूल का समय बर्बाद होने से भी बच सकता है. इससे एक पारदर्शिता बनी रहेगी.