कानपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी सरकार राज्य में निवेश बढाने का इरादा रखती है. योगी तीन दिवसीय यूपी डिफेंस एक्सपो—18 के समापन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति की गयी है ताकि उद्योग और निवेश के अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उत्तर प्रदेश में निवेश बढाना चाहते हैं. डिफेंस कॉरिडॉर बनाने के लिहाज से उत्तर प्रदेश पूरी तरह अनुकूल है.


उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉरिडॉर के लिए इंतजामात शुरू हो चुके हैं और जनवरी 2019 में भूमि पूजन के बाद आधारशिला रखी जाएगी. योगी ने कहा कि 'निवेश मित्र' पोर्टल के जरिए उद्यमियों को हरसंभव सहायता पहुंचायी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादों की आपूर्ति में यूपी डिफेंस कॉरिडॉर मील का पत्थर साबित होगा.


डिफेंस कॉरिडॉर बनाने के लिए ही डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया गया, जहां रक्षा उत्पादों के बारे में लोगों को जानकारी दी गयी. योगी ने कहा कि आने वाले पांच साल में राज्य में 50 हजार करोड रूपये का निवेश होगा और इससे ढाई लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.


अचानक कानपुर गल्ला मंडी पहुंचे सीएम योगी


कानपुर गल्ला मंडी में अचानक ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंच गए. उन्होंने वहां मौजूद किसानों से सीधी बात की और मिल रही सुविधाओं के बारे में पूछा. उन्होंने नौबस्ता गल्ला मंडी में किसानों से पूछा कि बिचौलिए पैसे तो नहीं मांगते हैं? कोई अधिकारी परेशान तो नहीं करता? इस तरह अचानक सीएम के पहुंचने से अधिकारियों में हडकंप मच गया. हालांकि योगी किसानों से बात करके संतुष्ट नजर आए.


इन दिनों मुख्यमंत्री जमीन पर योजनाओं का जायजा ले रहे हैं. इसी क्रम में वो कानपुर स्थित मंडी पहुंचे और धान क्रय केंद्र पर किसानों से सीधे बात की. योगी ने कहा कि किसानों की आया बढ़ाना उनकी प्राथमिकता सूची में शामिल है. इस बार का एमएसपी 1750 औक 1770 रुपये है. 20 रुपया हम अतिरिक्त दे रहे हैं और ये पैसा RTGS के माध्यम से सीधे किसान के अकाउंट में पहुंचाया जा रहा है.


उन्होंने कहा कि अगर धान की नीलामी भी हो तो भी किसान को समर्थन मूल्य से अधिक पैसा उसे मिले. इसी के लिए प्रदेश में क्रय नीति को लागू किया गया है. किसान की आय बढाने के लिए ऐसा किया गया है. प्रदेश में सभी डीएम को इस बात के लिए खास निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को किसी तरह की समस्या ना होने पाए. किसानों का कोई शोषण ना कर सके इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है.