मेरठ: प्रदूषण रोकने के लिए 350 ब्राह्मण 500 कुंतल लकड़ी से यज्ञ कर रहे हैं. 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक खबर के मुताबिक रविवार को सुबह 350 ब्राह्मण मेरठ शहर के भैंसावी ग्राउंड पर इकट्ठा हुए और नौ दिन लंबे चलने वाले महायज्ञ को शुरु किया. इस यज्ञ में प्रदूषण रोकने के नाम पर 500 कुंतल आम की लकड़ियां जलाई जाएंगी.


इसके लिए 125 x 125 स्क्वायर फीट यज्ञशाला में 108 हवन कुंड बनाए गए हैं. हैरानी की बात ये है कि प्रशासन इस मामले पर बिल्कुल खामोश है. इतनी भारी मात्रा में लकड़ी जलाना पर्यावरण के लिेए बेहद हानिकारक है लेकिन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने इस मामले में किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.


बोर्ड का कहना है कि ये धर्म का मामला है और हमारे लिए इसकी जांच आदेश करने की कोई नीति नहीं है. मेरठ में यूपीपीसीबी के अधिकारी आरके त्यागी ने कहा, "इतनी भारी में लकड़ी जलाने की वजह से जरूर प्रदूषण होगा. लेकिन हमारे पास ऐसी कोई नीति नहीं है जिसके तहत इस मामले में जांच की आदेश का आदेश दिया जा सके. हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं."


इस यज्ञ बड़े बुजुर्ग साधू से लेकर 16 साल के बच्चे कर हिस्सा ले रहे हैं. इस मामले पर श्री अयुतचांदी महायज्ञ समिति के वाइस प्रेसिडेंट गिरीश बंसल ने कहा, "108 हवन कुंडों में यज्ञ करने के लिए हमने आम की लकड़ी खरीदी है. इन लकड़ियों पर गाय का घी डालकर हवन कुंड में डाला जाएगा. हिंदू धर्म में कहा गया है कि यज्ञ की वजह से हवा साफ हो जाती है. इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है क्योंकि इस मामले में अभी कर कोई शोध नहीं किया गया है. यज्ञ खत्म होने के बाद शहर के लोग शुद्ध हवा में सांस ले सकेंगे."


समिति के सदस्यों ने कहा कि एक करोड़ के चढ़ावे के बाद ही यज्ञ की समाप्ति होगी. समिति ने पर्चे छपवाकर यज्ञ में ज्यादा से ज्यादा चढ़ावा को कहा है.