कानपुर: ''समाजवादी मजदूर सभा'' के नगर अध्यक्ष ने अपने 500 समर्थकों के साथ सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया. सभी 500 कार्यकर्ताओं ने अब चाचा शिवपाल की ''समाजवादी सेक्युलर मोर्चे'' में शामिल होने का फ़ैसला किया है. शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चे ने अपनी सक्रियता दिखाना शुरू कर दी है, मोर्चे से अगर सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा तो समाजवादी पार्टी का हो रहा है जिसका नतीजा कानपुर में देखने को मिला. कानपुर की सपा मजदूर सभा की पूरी कार्यकरणी ही भंग हो गयी. सपा मजदूर सभा के नगर अध्यक्ष ने सामूहिक इस्तीफा लिखकर स्पीड पोस्ट से पार्टी कार्यालय को भेजा है.


समाजवादी मजदूर सभा के नगर अध्यक्ष राजू ठाकुर ने अपने 500 कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी में अपमान और नजरंदाज किये जाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष मोईन खान और समाजवादी मजदूर सभा के प्रदेश रामगोपाल पुरी के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. जिसकी वजह से मजदूर सभा के पदाधिकारियों को नेतृत्व की तरफ से तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. लगातार मजदूर सभा के पदाधिकारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. मुलायम सिंह यादव ने बड़े ही अरमानों से सपा मजदूर सभा का गठन किया था जो मजदूरों की समस्याओं और उनके मुद्दों को उठाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर दी थी.



उन्होंने आरोप लगाया कि जब से बागडोर अखिलेश यादव के हाथ में आयी है सब कुछ बर्बाद हो गया है. विधानसभा चुनाव में सत्ता गंवा कर भी अखिलेश यादव ने सीख नहीं ली. एसपी की जमीन तैयार करने वाले नेताओं को दूध से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया. बहुत ही जल्द उनकी मनमानी का नतीजा लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद देखने को मिला है.


राजू ठाकुर ने कहा कि पूरे प्रदेश में बाढ़ की वजह से लोग परेशान हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी उनकी परवाह न करके प्रदेश में साईकिल चलाकर वोट बटोरने की जुगात में लगी है. पार्टी लोहिया के सिद्दांतो से भटक गयी है. मुलायम सिंह के समय में ऐसा नहीं होता था. अगर प्रदेश में विपत्ति आती थी तो समाजवादी कार्यकर्ता सैनिको की तरह वहां खड़े रहते थे, उनकी मदद करते थे उनको जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने का काम करते थे.


उन्होंने कहा विभिन्न जनपदों में पूंजी पतियों को सर्वोच्च पद पर एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैठाने का काम कर रहे हैं. पुराने जानकार समाजवादियों को दरकिनार किया जा रहा है ,समाजवादी पार्टी की राजनैतिक स्थिति अब ठीक नहीं है. पुराने समाजवादियों के लिए पार्टी में स्थान नहीं बचा है.


उन्होंने कहा मैंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता 1997 में ली थी और विभिन्न पदों पर रह कर पार्टी के लिए दिन रात मेहनत की थी. अपने स्वाभिमान की रक्षा करते हुए सपा की सक्रिय सदस्यता से 500 समर्थकों के साथ इस्तीफा दे रहा हूं. इसके लिए राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व को दोषी ठहरा रहा हूं. इसके साथ ही मै अपने समर्थकों के साथ समाजवादी सेक्युलर मोर्चा शिवपाल सिंह यादव के के संरक्षण में काम करने के लिए सदस्यता ग्रहण कर रहा हूं.