प्रयागराज: प्रयागराज नगर निगम ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मस्थली आनंद भवन पर सवा 4 करोड़ रुपये के हाउस टैक्स बकाया का नोटिस जारी किया था. ये मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने सवा चार करोड़ के हाउस टैक्स को सियासी साजिश करार देते हुए इसके खिलाफ कोर्ट से लेकर सड़क तक लड़ने का एलान कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ इंदिरा की जन्मस्थली के एक अलग हिस्से पर तकरीबन पौने 2 करोड़ रुपये का अलग बिल जारी किये जाने का मामला सामने आया है.
इंदिरा गांधी की जन्मस्थली आनंद भवन के एक अलग हिस्से में नेहरू और गांधी परिवार का चैरिटी अस्पताल चलता है. नगर निगम ने आनंद भवन पर सवा चार करोड़ रुपये का टैक्स जारी करने के बाद अब इस चैरिटेबल हॉस्पिटल पर भी तकरीबन पौने 2 करोड़ के हाउस टैक्स का नोटिस जारी किया गया है. यह हॉस्पिटल कमला नेहरु मेमोरियल ट्रस्ट संचालित करता है. जिसकी चेयरमैन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. जबकि राहुल और प्रियंका गांधी इसकी ट्रस्टी हैं.
नेहरू और गांधी परिवार से जुड़ी दो इमारतों पर तकरीबन 6 करोड़ रूपये का हाउस टैक्स लगाए जाने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज नगर निगम दफ्तर में प्रदर्शन किया और आयुक्त को ज्ञापन सौंपा. मामले में निगम का कहना है कि सारी कार्रवाई नियमों के मुताबिक ही की जा रही है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. प्रयागराज की मेयर का कहना है कि अगर दोनों बिल्डिंगों के ट्रस्ट से चैरिटेबल होने के दस्तावेजों के साथ टैक्स माफी का आवेदन आता है तो उस पर नियमानुसार विचार जरूर किया जाएगा.
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दूसरी तरफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार देश से नेहरू और गांधी परिवारों की पहचान खत्म करने और इंदिरा गांधी की जन्मस्थली आनंद भवन पर कब्जे के इरादे से मनमाने तरीके से टैक्स लगा रही है. गौरतलब है कि इंदिरा गांधी के दादा मोतीलाल नेहरू ने इलाहाबाद में भारद्वाज आश्रम के पास एक बिल्डिंग खरीदी थी. पंडित नेहरू का बचपना और उनका सियासी संघर्ष इसी इमारत में बीता था.
इंदिरा गांधी का जन्म इसी बिल्डिंग में 19 नवम्बर 1917 को हुआ था. इसी बिल्डिंग में इंदिरा की शादी हुई थी. अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के दौरान यह बिल्डिंग आंदोलन की रणनीति का केंद्र होती थी. मोतीलाल और जवाहर लाल नेहरु यहीं रहते थे. साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी अक्सर यहीं रुका करते थे. यह बिल्डिंग कई सालों तक कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय भी रही है.
पैतृक आवास और देश से जुड़ी तमाम यादों को साझा करने की वजह से ही आजादी के बाद 16 नवम्बर 1969 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे राष्ट्र को समर्पित करने का एलान कर दिया था. बाद में जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट इस बिल्डिंग का संचालन करने लगा. बिल्डिंग कैम्पस को कई हिस्सों में बांटकर अलग-अलग गतिविधियां संचालित की जानी लगीं. आनंद भवन में म्यूजियम बनाया गया. जिसमें नेहरू और गांधी परिवार से जुड़ी यादों के साथ ही आजादी की लड़ाई से सम्बंधित चीजों को रखा गया.
जवाहर तारामंडल के जरिये लोगों को विज्ञान की जानकारी दी जाती है. स्वराज भवन के कुछ हिस्से तक आम लोगों को जाने दिया जाता है, जबकि बाकी हिस्सा नेहरू और गांधी परिवार के सदस्यों और ट्रस्ट से जुड़े लोगों के लिए आरक्षित रहता है. सोनिया, राहुल और प्रियंका जब भी प्रयागराज आते हैं तब इसी स्वराज भवन में रुकते हैं. इन सभी हिस्सों में जाने के लिए अब टिकट लगता है.
बिल्डिंग के एक छोटे से हिस्से में अब अनाथालय चलता है. यह सभी बिल्डिंग्स 2 लाख 34 हजार 500 स्क्वायर फिट में हैं. आनंद भवन वाले हिस्से पर 4 करोड़ 19 लाख का हाउस टैक्स बकाया है, जबकि कमला नेहरू चैरिटेबल हॉस्पिटल पर 1 करोड़ 81 लाख रूपये का टैक्स बकाया है.
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