बरेली: बरेली में तीन तलाक का एक ऐसा केस सामने आया है, जिसमें हलाला करने वाला व्यक्ति महिला (28 साल) को तलाक ही नहीं दे रहा. हलाला करने वाले उस 65 साल के बुजुर्ग का दिल महिला पर आ गया है. अब पहला शौहर परेशान है. वहीं महिला ने भी हलाला करने वाले बुजुर्ग से पीछा छुड़वाने के लिए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन से मदद की गुहार लगाई है.

उत्तराखंड के खटीमा की जूही का निकाह खटीमा के ही मोहम्मद जावेद के साथ 2010 को हुआ था. तीन साल तक मियां-बीवी के बीच सबकुछ ठीक ठाक चला और फिर मामूली कहासुनी पर झगड़ा हो गया था. गुस्से में आकर 2013 में जावेद ने जूही को तीन बार तलाक बोलकर सारे रिश्ते तोड़ दिए थे.

लेकिन कुछ दिन बाद जावेद को अपनी गलती का अहसास हुआ तो दोनों ने फिर साथ रहने का फैसला किया. दोनों को दोबारा एक साथ रहने के लिए जूही को हलाला की रस्म से गुजरना था. परिवार वालों ने बरेली के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग के साथ हलाला कराने के लिए रजामंदी दे दी.

नवंबर, 2016 में जूही के साथ हलाला की रस्म अदा की गई. शर्त यह भी थी कि हलाला के बाद बुजुर्ग उसे तलाक दे देगा, मगर बुजुर्ग की नीयत फिसल गई और उसने तलाक देने से इनकार कर दिया. अब पहला शौहर जूही के साथ फिर से निकाह करना चाहता है लेकिन हलाला करने वाले ने उसे छोड़ने से इंकार कर दिया.

हलाला से परेशान जूही और जावेद के दो बेटे हैं. तीन तलाक के बाद एक बेटा पिता और दूसरा मां के हिस्से में आ गया. दोनों बच्चे मां-बाप की याद में रोते रहते हैं. यही वजह है कि मियां-बीवी के रिश्तों में प्यार भर आया. दोनों फिर से साथ रहने के लिए राजी हो गए.

तीन तलाक पीड़ित महिलाओं की आवाज़ उठाने वाली केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी की बहन फ़रहत नकवी ने बताया कि युवती ने जब आकर आपबीती सुनाई तो हलाला करने वाले से फोन पर बातचीत की. जिस पर बुजुर्ग ने महिला को तलाक़ देने से इंकार कर दिया. ऐसे में फरहत का कहना है की शहर काजी के निर्देश पर खुला कराकर युवती को उसके पहले पति के पास वापस भेजने का प्रयास करेंगे.