नई दिल्ली/कानपुर: कानपुर की मेघा गुप्ता ने यूपीएसएसी में हुए इंटरव्यू में पूछा गया जब जब आप वेटिंग हाल में बैठी थी तो आप के मन में क्या चल रहा था. मेघा ने बताया कि मैं पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता को याद कर रही थी जिसमें उन्होंने कहा था "न हार में न जीत में कुंचित नहीं भयभीत नहीं,कर्तव्य पथ पर जो मिले यह भी सही वो भी सही, हार नही मानूंगा वरदान नही मानूंगा मैं " इस जवाब से मेघा ने सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया. मेघा ने यूपीएससी एग्जाम के लिए किसी तरह की कोचिंग नही की है बल्कि इंटरनेट के माध्यम से पढाई कर 674 वीं रैंक हासिल किया है.
गोविन्द नगर थाना क्षेत्र स्थित चावला मार्किट में रहने वाले सुशील गुप्ता कानपूर देहात के मूसानगर में एसबीआई बैंक में सीओ के पद पर तैनात है. परिवार में पत्नी संगीता गुप्ता बेटे रिषभ व बेटी मेघा गुप्ता के साथ रहते हैं. मेघा ने भोपाल के एनआईटी कालेज से बीटेक किया है, मेघा ने सिविल एग्जाम के लिए किसी तरह की कोचिंग नहीं की बल्कि इंटरनेट के माध्यम से तैयारी कर 674 वी रैंक हासिल की है.
मेघा ने बताया कि मेरे मामा जज है मुझे उन्हीं से प्रेरणा मिली है मेरे मामा कहते थे कि आप समाज से इतना कुछ लेते है और सीखते है. हमारा फर्ज बनता है कि हम समाज के लिए कुछ करें. इस बात से प्रेरणा लेकर मैंने सिविल एग्जाम की तयारी की मैंने ढाई साल इसकी तैयारी तब जाकर मुझे इसमें सफलता मिली है.
मेघा ने कहा कि मै आईपीएस बनकर महिलाओं से जुड़े मुद्दों को जैसे रेप, दहेज़ उत्पीड़न, घरेलू हिंसा पर काम करने का मन है. बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार पर काम करना चाहती हूं. मैं देख रही हूं महिलाओं और बच्चियों के साथ कितना अत्याचार हो रहा है. जिसे देखकर बहुत दुःख होता है समाज से ऐसे लोगों को उखाड़ कर फेंकना चाहती हूं. मेघा ने बताया कि मेरे परिवार में मेरी मां, पिता और भाई ने बहुत सपोर्ट किया है.
मेघा ने बताया कि जब मै इंटरव्यू के लिए गई तो मैं कानपुर से हूं तो मुझसे पूछा गया कि कानपुर का नाम कानपुर क्यों पड़ा. आप अपनी कौन सी क्वालिटी तीन साल के बच्चे को सिखाना चाहेगी. इसका जवाब देते हुए मैंने कहा कि मै बच्चे को सबसे बड़ी बात कोशिश करना है, मैं बच्चे को यही सिखाना चाहूंगी की आप खेलने में, पढाई या फिर झगड़े में भी कोशिश का गुण नही खोना चाहिए.