कानपुर. कानपुर में राजकीय संवासिनी गृह में नौ और लड़कियां कोरोना पॉजिटिव मिली हैं. मेडिकल कॉलेज से जारी हुई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है. इससे पहले शहर में सरकार द्वारा संचालित बालिका इस संरक्षण गृह में 57 लड़कियां कोरोना संक्रमित पाई गई थीं. प्रशासनिक चूक के चलते यहां कोरोना की चेन बनती नजर आ रही है. आपको बता दें कि इस मुद्दे पर उस वक्त सिसायत तेज हो गई थी जब यहां पर सात बालिकाएं गर्भवती निकलीं थी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले की तुलना बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह से करते हुये यूपी के योगी सरकार पर निशाना साधा था. दरअसल कानपुर के राजकीय बालिका गृह में 7 लड़कियों के गर्भवती होने के बाद महिला आयोग ने कानपुर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी. कोरोना जांच के दौरान यहां 2 नाबालिग बच्चियों के गर्भवती निकलने से हड़कंप मच गया था. दोनों नाबालिग बच्चियां 8 महीने से प्रेग्नेंट हैं. इनमें से एक HIV पॉजिटव तो दूसरी हेपेटाइटिस सी से ग्रसित है.
जिलाधिकारी ने दी थी सफाई..
इस मामले पर बवाल बढ़ता देख कानपुर के जिलाधिकारी ने सफाई देते हुये कहा कि कानपुर नगर में कुल 171 संवासिनियां सीडब्ल्यूसी बाल कल्याण समिति के आदेश से यहां रह रही हैं. यह पूरी तरह तथ्यहीन एवं निराधार है कि किशोरियां राजकीय बाल गृह (बालिका) कानपुर नगर में गर्भवती हुईं.
जिले में बढ़ता जा रहा है कोरोना का कहर
कानपुर में कोरोना का कहर थम नहीं रहा है. रविवार को कोरोना की चपेट में आए ढाई महीने के मासूम, बुजुर्ग महिला और दो युवकों की मौत हो गई. आपको बता दें कि रविवार को 29 में संक्रमण की पुष्टि हुई, जिसमें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की लैब से 21 और प्राइवेट लैब से आठ पॉजिटिव हैं. राजकीय बालिका गृह से नौ और बालिकाओं में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिले में कोरोना पॉजिटिव 1128 हो गए हैं, इसमें से 50 की मौत और 745 स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. फिलहाल एक्टिव केस 333 हैं.
ये भी पढ़ें.
कानपुर: संवासिनी गृह मामले पर प्रशासन की सफाई, 'लड़कियां पहले से ही गर्भवती थीं'
UP कानपुर में फूटा कोरोना बम, महिला संरक्षण गृह से 49 पॉजिटिव केस सामने आये, प्रशासन में हड़कंप