बरेली: मां की गलती की सजा अब डेढ़ माह का दूधमुहा बच्चा भी भुगतेगा. अब मां के साथ डेढ़ महीने का बच्चा भी जेल की सलाखों के पीछे अपना बचपन बिताएगा, क्योंकि महिला ने ऐसा गुनाह किया है जिस वजह से शायद अब कभी जेल की सलाखों से बाहर न आ सके. महिला ने अपने भाई के साथ मिलकर झूठी शान की खातिर अपनी ही छोटी बहन की हत्या की है. भाई बहन के रिश्तों को दागदार करने वाली ये खबर यूपी के बरेली से है.
3 महीने पहले आंवला में हुई थी 15 साल की पूनम की हत्या
पुलिस ने डेढ़ महीने के बच्चे के साथ एक महिला और उसके भाई को गिरफ्तार कर 3 महीने पहले हुई हत्या का खुलासा कर दिया है. पुलिस लाइन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी ग्रामीण डॉ सतीश कुमार ने बताया कि आंवला थाना क्षेत्र के कनगांव में 21 जुलाई को 15 साल की पूनम की हत्या कर दी गई थी.
पूनम अपनी बुआ के लड़के कल्लू से मोहब्बत करती थी और दोनों आपस मे आये दिन मिलते भी रहते थे और दिन रात फोन पर बाते किया करते थे. लेकिन ये बात पूनम के भाई बहन को नागवार गुजरी. एक दिन पूनम को उसके भाई ने फोन पर अपने प्रेमी से बात करते हुए देख लिया जिसके बाद भाई ने पूनम से मोबाइल छीन लिया और उसकी पिटाई कर दी. पूनम ने गुस्से में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन वो बच गई पर पूनम के भाई और उसकी शादीशुदा बहन शिखा ने उसका गला दबाकर मार डाला. इतना ही नहीं दोनों ने शव पूनम के प्रेमी के घर डाल दिया ताकि हत्या का आरोप उसके प्रेमी कल्लू पर लगे.
आंवला थाने में भाई ने प्रेमी और उसकी मां और बेटी के खिलाफ दर्ज करवाया था हत्या का मुकदमा
पूनम के भाई ने आंवला थाने में ज्ञानवती उसके बेटे कल्लू और बेटी पूजा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था. जिस वक्त घटना हुई उस दौरान ज्ञानवती और उसकी बेटी पूजा थाने में मौजूद थे. पुलिस जांच में पता चला कि पूनम की बड़ी बहन शिखा ने अपनी बुआ ज्ञानवती के बेटे अंकुर से प्रेम विवाह किया था. पूनम अपनी बहन के देवर से प्यार करती थी लेकिन शिखा नही चाहती थी कि उसकी बहन की शादी उसके देवर कल्लू से हो.
मां की गलती की वजह से डेढ़ महीने के मासूम का बचपन सलाखों के पीछे गुजरेगा
जोश में आकर शिखा और उसके भाई ने अपने चचेरे भाई बहन के साथ मिलकर पूनम की हत्या तो कर दी लेकिन उन्हें नहीं पता था कि देर से ही सही लेकिन कानून के हाथ उनतक जरूर पहुंचेंगे. पूनम तो इस दुनिया से चली गई लेकिन अब शिखा को अपने डेढ़ महीने के बच्चे के साथ जेल में ही ज़िन्दगी बितानी पड़ेगी. इस सबके बीच एक मासूम का बचपन जेल की सलाखों के पीछे ही गुजर जाएगा.