मेरठ: मेरठ के एक दिव्यांग शख्स का परिवार अपनी बेटियों की खातिर दहशत में जी रहा है. घर के आंगन में बेटियों के फोटो खींचने का विरोध करने पर इस परिवार की बेटियों और मां को सरेआम पीटा गया और महिलाओं के कपड़े फाड़ दिए गए. पुलिस ने फरियाद नहीं सुनी तो मकान बेचने के लिए परिवार ने घर के बाहर पलायन का पोस्टर लगा दिया. नींद से जागी पुलिस ने केस दर्ज करके पोस्टर तो उतरवा लिया है, लेकिन छेड़छाड़ के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.


दिव्यांग पिता की बेटियां बदमाशों के निशाने पर


लिसाड़ीगेट इलाके में एक दिव्यांग का परिवार रहता है जिसमें दो बेटियां और दो बेटे है. बेटियां कक्षा 9 और 10 की छात्राएं हैं. बेटियों की मां का कहना है कि पड़ोसी शहजाद दिसंबर 2017 से उनकी बेटियों को परेशान कर रहा है. घर का अगला और पिछला हिस्सा खुला हुआ है जिसका फायदा उठाकर शहजाद मोबाइल से बेटियों के फोटो खींचता है और उनके साथ छेड़छाड़ करता है. शहजाद के रिश्तेदार से उन्होंने शिकायत भी की लेकिन कोई असर नहीं हुआ. आठ दिन पहले एक बेटी का फोटो खींचने पर शहजाद का विरोध किया तो वह अपने भाइयों के साथ घर में कूद आया और बेटियों से छेड़छाड़ और मारपीट की. पुलिस बुलाई लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिए बगैर वापस चली गई. बदमाशों के हौसले बढ़े और उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ एक बार फिर घर में धावा बोला और बेटियों को थप्पड़ मारने के बाद उनकी मां के कपड़े फाड़ दिया. हमलावरों के हाथों में वारदात के वक्त पिस्टलें थी.



पुलिस से की फरियाद लेकिन नहीं सुनी गई गुहार


वारदात के बाद पीड़िता अपने बेटियों के साथ लिसाड़ीगेट थाने पहुंची तो पुलिस ने जॉच के बाद कार्रवाई की बाद कहकर उन्हें टरका दिया. कई बार थाने जाने पर भी जब शिकायत दर्ज नहीं हुई तो परेशान परिवार ने बेटियों की खातिर मोहल्ला छोड़ने का फैसला कर लिया और घर के बाहर पलायन करने का पोस्टर टांग दिया. इससे पुलिस में हड़कंप मचा और आनन-फानन में केस दर्ज कर लिया गया. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया लेकिन चंद घंटो बाद थाने से छोड़ दिया.



आखिर क्यों नहीं हो रही है बदमाशों पर कार्रवाई


मुख्यारोपी शहजाद का करीबी रिश्तेदार कल्लू इलाके का मीट माफिया है और पशुओं का अवैध कटान का उसका धंधा है. एफआईआर में नंबर 2 आरोपी कल्लू की पैसे और ताकत के बल पर इलाके में तूती बोलती है. पीड़िता ने सबसे पहले शहजाद की शिकायत कल्लू से ही की थी लेकिन कल्लू ने शहजाद को रोकने के बजाय उसे शह दी और हमले में उसका साथ दिया. कल्लू के इलाके की पुलिस से बहुत अच्छे ताल्लुकात बताए जाते हैं. शहजाद और उसके भाइयों का भी अच्छा-खासा क्रिमिनल रिकॉर्ड है. पीड़िता का कहना है कि इसीलिए पुलिस कल्लू और उसके बाकी रिश्तेदारों पर मेहरबानी बनाए हुए है. पुलिस ने पोस्टर भले ही हटवा दिया है लेकिन अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वह यहां से पलायन कर जाएंगे.


बदमाशों की दहशत से बेटियों की छूटी पढ़ाई


बदमाश लगातार समझौते के लिए दबाब दे रहे हैं और समझौता न होने पर जान से मारने और बेटियों को उठाने की धमकी दे रहे हैं. बदमाशों के खौफ से बेटियां स्कूल नहीं जा पा रही है जिससे उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. एक बेटी की इसी साल बोर्ड एक्जाम भी है. परिवार के बेटों ने भी बदमाशों के डर से स्कूल जाना और घर से निकलना छोड़ दिया है. अपनी आपबीती बताते-बताते बेटियां रो पड़ती है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ऐसे हालात में किससे मदद मांगने जाएं.