आगरा: वो कहते हैं ना, ''मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है'' ऐसा ही कुछ उड़ीसा के रहने वाले एक शख्स ने कर दिखाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की हसरत लिए हाथ में तिरंगा लेकर मुक्तिकान्त नाम का शख्स उड़ीसा से दिल्ली के लिए पैदल ही निकल गया, उड़ीसा से 1350 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर वो 14 जून को आगरा पहुंचा. वहां के नेशनल हाइवे 2 पर पहुंचते ही वो बेहोश हो गया जिसे राहगीरों ने अस्पताल में भर्ती कराया है.


बंगला विवाद: अपनी ही सरकार पर हमलावर हुए राजभर, कहा- अखिलेश को बदनाम करने की साजिश


होश में आने पर मुक्ति ने बताया कि वर्ष 2015 में पीएम मोदी उड़ीसा गए थे जिन्होंने इस्पाइज नाम के अस्पताल की कायाकल्प करने की घोषणा की थी ,लेकिन अब तक चार साल का समय बीत गया लेकिन उनके द्वारा किए गए वायदे पूरे होते न दिखे, इसी को लेकर मुक्तिकान्त नाम हाथ मे तिरंगा लेकर पैदल ही दिल्ली की तरफ कूच कर गया.


मुक्तिकांत का कहना है कि एक साल का समय रह गया है ,अभी भी उम्मीद है कि अगर मोदी जी से मिला जाय तो शायद अस्पताल की दशा सुधर सकती है क्योंकि इस अस्पताल में आए दिन लापरवाही के कारण मौंते होती रहती हैं, मुक्ति को कुछ राहगीरों ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है जहां उसका इलाज चल रहा है. डॉ ने बताया है कि उसकी ब्लड शुगर लेबल डाउन हो चुका है बही ब्लड प्रेशर भी बहुत कम है.


संपर्क से समर्थन: घर-घर जाकर लोगों से मिले योगी, मांगा बीजेपी के लिए समर्थन


बहरहाल मुक्ति के जज्बे को हम सलाम करते हैं. जिस तरह से वो हाथ में तिरंगा लेकर पैदल ही दिल्ली की तरफ कूच कर गया है. मुक्ति ने बताया कि तिरंगा उसे ऊर्जा देता है, जोश बना रहता है. बता दें कि अभी भी मुक्ति को पीएम से मिलने के लिए 200 किलोमीटर यात्रा करनी है, उनका कहना है कि डिस्चार्ज होते ही वह अपनी मंजिल की तरफ निकल पड़ेगा.