रायबरेली में बारिश और बाढ़ से करीब 5 लाख लोग प्रभावित, पलायन को मजबूर हैं लोग
सई नदी उफनाने से शहर में बाढ़ आ गई है. नदी के किनारे बसे 5 मोहल्ले और 15 गांवों में पानी घुस गया है.शहर के महानंदपुर मोहल्ले में दर्जनों घर पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं. पिछले दो दशकों से सई नदी में इस तरह की बाढ़ नहीं आई. इस बार विकराल रूप धारण करने से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.
रायबरेली: सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में लगातार 5वें दिन बाढ़ का कहर जारी है. सई नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिससे लोग अपना अपना घर छोड़ सुरक्षित स्थानों के लिए कूच कर रहे हैं. बीते दिन एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे एक ही परिवार के 4 लोगों को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला था.
सई नदी उफनाने से शहर में बाढ़ आ गई है. नदी के किनारे बसे 5 मोहल्ले और 15 गांवों में पानी घुस गया है.शहर के महानंदपुर मोहल्ले में दर्जनों घर पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं. लोगों के घर के साथ-साथ आवश्यकता की चीजें भी डूब गई हैं. सई नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण अभी भी लोग अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर हैं.
बढ़े जलस्तर से मटिहा-मछेछर मार्ग पर बना पुल डूब गया है. इससे आवागमन पूरी तरह ठप है. इससे करीब 5 लाख आबादी प्रभावित है. हर तरफ पानी ही पानी दिख रहा है. पिछले दो दशकों से सई नदी में इस तरह की बाढ़ नहीं आई. इस बार विकराल रूप धारण करने से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.
बीते दिन बाढ़ में फंसे सिद्ध नाथ पांडेय के परिवार को एनडीआरएफ की टीम ने निकाला था. इनकी 9 गाएं बीच मे टापू पर अभी भी फंसी हुई हैं. टापू पर जमी घांसो से गाएं अभी तक जिंदा तो हैं लेकिन जिस तरह जलस्तर बढ़ रहा है उससे उनकी भी जिंदगी खतरे में है.
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