लखनऊः उत्तर प्रदेश के तीन मंत्रियों के निजी सचिवों को कैमरे पर घूस लेते पकड़े जाने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है. ताजा जानकारी के मुताबिक इस घूसकांड में फंसे तीनों सचिवों पर देर रात लखनऊ के हजरतगंज थाने में केस दर्ज कर लिया गया है. इस पूरे मामले का खुलासा एबीपी न्यूज ने किया था. ऑपरेशन 'सीएम के नाक के नीचे' नाम से चलाए गए इस कार्यक्रम के बाद इन तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था.


स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद योगी सरकार ने तीनों मंत्रियों के निजी सचिवों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए थे. एबीपी न्यूज के स्टिंग ऑपरेशन में यूपी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर, अर्चना पांडे और संदीप सिंह के निजी सचिव कैमरे में घूस की डीलिंग करते हुए कैद हुए थे.


स्टिंग ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री राजभर पल्ला झाड़ते दिखे थे. घूस कांड में फंसे निजी सचिव को लेकर ओम प्रकाश राजभर ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि वो सरकारी कर्मचारी हैं, हम उनके खिलाफ कार्रवाई कैसे कर सकते हैं.


उन्होंने कहा था कि मैं कार्रवाई क्यों करूं, मुख्य सचिव करें. राजभर ने स्टिंग ऑपरेशन में अपने कमरे में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें लगी होने से भी इनकार कर दिया. हालांकि बाद में उन्होंने माना कि उनका ही कमरा था.


वहीं मंत्री अर्चना पांडे ने दोषी निजी सचिवों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी. अर्चना पांडे ने कहा, ''ये मेरे लिए बहुत आश्चर्य की बात है कि मेरे ही कमरे में ऐसा काम हो रहा था. मेरी राजनीति की शुरूआत बेहद ईमानदार रही. पिछले दो साल में मैंने पूरा प्रयास किया है कि मैं ईमानदार रहूं. आज जो हुआ उसे देखकर मुझे दुख भी है और चिंता भी है. मैं इसके खिलाफ जांच करवाऊंगी और दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा.''


वहीं मंत्री संदीप सिंह से एबीपी न्यूज ने बात करने की कोशिश की तो वो विदेश में थे जिस वजह से उनका पक्ष नहीं मिल पाया. एबीपी न्यूज़ के खुलासे के राजनीति के गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है. घूस कांड सामने आने के बाद विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार से इस्तीफा भी मांगा है.


आॉपरेशन 'सीएम की नाक के नीचे' का बड़ा असर: जांच के आदेश, मुख्य सचिव ने सुबह 11 बजे तक मांगी रिपोर्ट