समाजवादी पार्टी में पिछले दिनों से जो कुछ भी हो रहा है उसकी वजह से पार्टी की जमकर किरकिरी हो रही है लेकिन अखिलेश यादव का सितारा बुलंदियों पर है. विधानसभा चुनाव से पहले पहले नोटबंदी हुई. फिर समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार में झगड़ा हुआ. इन सब से यूपी में चुनाव की तस्वीर उलझ गई है. कौन जीतेगा, कौन हारेगा? कोई आपस में लड़ रहा है, कोई दूसरे की लड़ाई में अपना फायदा देख रहा है. वर्तमान राजनीति का मिजाज समझने के लिए ही एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने सबसे बड़ा ओपिनियन पोल किया.
ABP न्यूज ओपिनियन पोल: अखिलेश-मुलायम के बीच होती रही 'दंगल' तो बीजेपी चुनाव में करेगी सबको चित! पूरा सर्वे यहां पढ़ें
किस इलाके में किसका दबदबा?
एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक पूर्वी यूपी सपा और बीजेपी में टक्कर है लेकिन सपा आगे दिख रही है. पूर्वी यूपी में एसपी को 35 प्रतिशत, बीजेपी को 30प्रतिशत, बीएसपी को 18 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिल सकता है. पश्चिम में बीजेपी के आसपास कोई दल ही नहीं है. पश्चिम में बीजेपी को 37 प्रतिशत, एसपी को 16प्रतिशत, बीएसपी को 12प्रतिशत समर्थन मिलने की संभावना दिख रही है. रोहेलखंड में फिर एसपी बढ़त बना रही है. यहां एसपी को 47प्रतिशत, बीएसपी 33प्रतिशत, बीजेपी 16प्रतिशत पर सिमट सकती है. अवध की बात करें तो बीएसपी 33प्रतिशत के साथ सबसे आगे है. वहीं बीजेपी के हिस्से 26 प्रतिशत और सपा के हिस्से 25 प्रतिशत आ सकती हैं. दोआब-बुंदेलखंड में सपा को 25प्रतिशत, बीजेपी को 23प्रतिशत, बीएसपी को 21 प्रतिशत जनता का समर्थन मिल सकता है.
सीएम की पहली पसंद कौन?
सीएम के पद के लिए अखिलेश यादव सबसे ज्यादा 28 फीसदी लोगों की पसंद बने वहीं मायावती 21 फीसदी लोगों की पसंद बनी तो बीजेपी के आदित्यनाथ को महज 4 फीसदी तो मुलायम को 3 फीसदी लोगों ने पसंद किया. सर्वे के मुताबिक पारिवारिक विवाद के बावजूद अखिलेश लोगों के बीच अपना चेहरा चमकाने में सफल रहे हैं. सर्वे का लब्बोलुबाब यही दिख रहा है कि फिलहाल यूपी में अखिलेश लोगों की पहली पसंद बनकर उभरे हैं.
कैसे हुआ सर्वे?
एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने 5 दिसंबर से 17 दिसंबर के बीच यूपी के लोगों की राय ली थी लेकिन तब मुलायम और अखिलेश का झगड़ा इतना प्रचंड नहीं था. एबीपी न्यूज और लोकनीति-सीएसडीएस ने यूपी की 65 विधानसभा क्षेत्रों के 5 हजार 932 लोगों से बात की. यह सर्वे यूरोपियन सोसाइटी फॉर ओपिनियन एंड मार्केटिंग रिसर्च यानी ESOMAR के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए किया गया.