ABVP के समर्थकों ने किया प्रशांत किशोर की गाड़ी पर हमला, बाल-बाल बचे
पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव बड़ा राजनीतिक रूप लेता जा रहा है. प्रशांत किशोर पर एबीवीपी समर्थकों के हमले ने छात्रसंघ चुनाव को और परवान चढ़ा दिया है. पीके पर हमला उस वक्त हुआ जब वो पटना विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने गए थे.
पटना: पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव से पहले कैंपस में हंगामा उस वक्त मच गया जब प्रशान्त किशोर अपने करीबी के साथ पटना विश्वविद्यालय के वीसी रासबिहारी सिंह से मिलने पहुंच गए. प्रशान्त किशोर के करीबी सूत्रों का कहना है कि वो पटना सायन्स कॉलेज के सामने किसी परिचित के घर खाना खाने जा रहे थे तभी उनके करीबी रिश्तेदार भी साथ हो गए. उन रिश्तेदार को वीसी से मिलने जाना था, क्योंकि वो साथ थे इसलिए उन्हें भी वीसी के घर जाना पड़ा. पीके और वीसी की मुलाकात की खबर लगते ही एबीवीपी के छात्रों में गुस्सा भड़क उठा.
छात्र वीसी आवास का घेराव करने लगे. हंगामा इतना बढ़ गया कि पुलिस ने प्रशान्त किशोर को निकालने का रास्ता बनाया. इसी दौरान प्रशान्त किशोर की गाड़ी के शीशे से एक पत्थर टकराया और शीशा चकनाचूर हो गया. हालांकि, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ. यहां सवाल ये है कि मामला आखिर इतना गरम क्यों है. पीके के पीछे बीजेपी भी क्यों पड़ी है. पटना विश्विद्यालय में जेडीयू अपने छात्र संगठन को लड़ाती रही है, लेकिन ये अभी तक सिर्फ नाम के लिए होता रहा है. जेडीयू के कैंडिडेट का कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं हुआ है. वहीं, एबीवीपी का छात्र संघ चुनाव में दबदबा रहा है. एनएसयूआई, आरजेडी और एसएफआई मैदान में रही है, लेकिन पीके के जेडीयू में आने के बाद पीयू की छात्र राजनीति में पार्टी ने दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया.
हाल ही में एबीवीपी के एक पुराने समर्थक और पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज को प्रशान्त किशोर ने जेडीयू में मिला लिया. वहीं, एबीवीपी और जेडीयू छात्र संगठन के उम्मीदवार भी एक ही जाति के हैं. जबकि पप्पू यादव और आरजेडी के उम्मीदवार भी एक जाति के हैं. चार दिन पहले दिव्यांशु की जमकर पिटाई हुई. इस मारपीट के पीछे एबीवीपी का नाम आया. यहां तक कि एबीवीपी के उम्मीदवार का भी नाम एफआईआर में आ गया.
बिहार में नीतीश सरकार के एक बड़े बीजेपी कोटा के मंत्री ने पुलिस को कहकर इन लोगों को चुनाव तक गिरफ्तार नहीं करने को कहा. मामला इसलिए बढ़ गया क्योंकि अब तक जेडीयू अलग-थलग रही है और सत्ता में होने के बावजूद पार्टी ने छात्र राजनीति की ज़मीन तैयार नहीं की.
पटना यूनिवर्सिटी से निकलने के दौरान प्रशांत किशोर की गाड़ी पर छात्रों ने किया पथराव, गाड़ी का शीशा तोड़ाप्रशान्त किशोर ने पार्टी ज्वाइन करते ही युवाओं को जेडीयू से जोड़ने की मुहिम छेड़ दी थी. पीके के वीसी से मिलने पर नीतीश कुमार भी विवाद में आएंगे, क्योंकि पीके नीतीश के आवास से ही पार्टी का काम देखते हैं. यह मुद्दा सरकार और पार्टी के लिए एक परेशानी का सबब तो हो ही गया है. बीजेपी ने राज्यपाल से मिलकर निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग भी की. बीजेपी के विधायक नीतिन नवीन ने कहा कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि चुनाव निष्पक्ष होंगे.
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