भोपाल: भोपाल में शुक्रवार तड़के गणपति विसर्जन के दौरान नाव पलटने से 12 लोगों की डूबने से मौत हो गई. इस मामले में इन नावों को चला रहे दो नाविकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिये गये हैं. भोपाल (शहर) के पुलिस उप महानिरीक्षक इरशाद वली ने भाषा को बताया कि यह घटना छोटे तालाब के खटलापुरा घाट पर शुक्रवार तड़के करीब 4.30 बजे की है. हादसा तब हुआ जब लोग गणपति प्रतिमा को विसर्जित करने गए थे.
वली ने बताया कि इन दो नावों में 17 लोग सवार थे. 12 शव निकाल लिए गए हैं. छह लोगों को सुरक्षित निकाला गया. घटना में जान गंवाने वाले सभी लोग शहर के पिपलानी इलाके के रहने वाले थे. भोपाल के कलेक्टर तरूण पिथोड़े ने घटना की मेजिस्ट्रेट से जांच करवाने के आदेश दिये हैं. भोपाल नाव हादसे में जिला कलेक्टर ने मौके पर मौजूद राजस्व निरीक्षक को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया है और मूर्तियों को नाव से विसर्जन पर पाबंदी भी लगा दी है.
मृतकों की पहचान परवेज खान (15), रोहित मौर्य (30), हर्ष (20), करण (16), सुन्नी ठाकरे (22), राहुल वर्मा (30), विक्की (28), विशाल (22), अर्जुन (18), राहुल मिश्रा (20) और करण पन्नालाल (26) के रूप में की गई है. ये सभी शहर के पिपलानी इलाके के रहने वाले थे. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हादसे को बेहद दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से 11-11 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. इसके अलावा भोपाल नगर निगम ने भी दो-दो लाख रूपये की सहायता की घोषणा की है.
पहले, राज्य सरकार ने 4 - 4 लाख रूपये की मुआवजा राशि की घोषणा की थी, लेकिन बीजेपी द्वारा 25 लाख रूपये के मुआवजे की मांग के बाद इसे बढ़ाकर 11 लाख रूपये किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘घटना के बाद से ही मैं जिला प्रशासन के निरंतर सम्पर्क में रहा और बचाव अभियान की जानकारी लेता रहा. यह घटना कैसे हुई, क्या इसमें किसी स्तर पर लापरवाही हुई है, जैसे सभी बिंदुओं पर मजिस्ट्रेट की ओर से जांच के आदेश दिये गए हैं.’ कमलनाथ ने कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आयेगी, उसे बख़्शा नहीं जायेगा.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि दोनों नावों पर सवार लोगों में से किसी ने भी लाइफ जैकेट नहीं पहन रखा था. जिस नाव में प्रतिमा थी, वह प्रतिमा का विसर्जन करते हुए पलट गई और उसमें सवार लोग दूसरी नाव पर कूदने लगे. लिहाजा उस नाव का संतुलन भी बिगड़ गया और वह पलट गई. इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है.
वीडियो में दिख रहा है कि एक नाव प्रतिमा को तालाब में विसर्जित करने के दौरान पलट जाती है. इसके बाद लोग दूसरी नाव में कूदने लगते हैं जिससे वह भी डूब गई. इसी दौरान वहां से गुजर रही एक अन्य नाव में सवार लोगों ने छह लोगों को बचा लिया. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के दलों के साथ-साथ गोताखोर, पुलिस और भोपाल नगर निगम के दल तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए.
घटनास्थल पर पहुंचे प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि घटना की विस्तृत जांच कराई जाएगी. पता किया जाएगा कि घटना कैसे हुई, समस्त व्यवस्थाओं के बावजूद कहां कमी रह गई. इसके बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, ‘यह बहुत ही दर्दनाक हादसा है. श्री गणेश की भक्ति में लीन हमारे बच्चे हमसे दूर हो गए. मन दुःखी है और पीड़ा से भरा हुआ है. इस कठिन घड़ी में मैं सभी पीड़ितों के परिजनों के साथ खड़ा हूं.’ उन्होंने घटना को आपराधिक लापरवाही बताते हुए पूछा कि गणेश विसर्जन के लिए पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गई? सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किये गए? अगर नावों पर ज्यादा लोग चढ़े तो उन्हें रोका क्यों नहीं गया? चौहान ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. चौहान ने कहा कि हादसे में हताहत लोगों के परिजनों को जो क्षति हुई है, उसकी कतई भरपाई नहीं की जा सकती लेकिन उनकी सहायता के लिए 25 लाख रूपये की राशि तत्काल मुहैया कराई जानी चाहिए.
हादसे में बचे छह लोगों में से एक तमर राणा ने मीडिया को बताया कि किसी ने भी उन्हें प्रतिमा विसर्जित करने के लिए तालाब में जाने से नहीं रोका था और न ही सुरक्षा जैकेट दी थी. इसकी बजाय, नाविक नावों में और लोगों को सवार होने को कह रहा था जिससे कि संतुलन बनाया जा सके. इसी बीच, इस हादसे के संबंध में शहर के जहांगीरबाद पुलिस थाने में दो नाविकों आकश बाथम और चंगु बाथम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बचाव आपरेशन का नेतृत्व कर रहे एसडीआरएफ के अतिरिक्त महानिदेशक डी सी सागर ने बताया कि हम तब तक तलाशी अभियान जारी रखेंगे, जब तक पुलिस पुष्टि नहीं कर देती कि अब कोई व्यक्ति लापता नहीं है. उन्होंने कहा कि नावों को क्रेन की मदद से बाहर निकाल लिया गया है.