पटना: बिहार के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज का आज दौरा किया और हालात का जायजा लिया. राज्य में चमकी बुखार से 129 बच्चों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से प्रभावित क्षेत्रों का पर्यावरण अध्ययन किया जाना चाहिए और एक विश्लेषण किया जाना चाहिए. नीतीश कुमार ने एसकेएमसीएच में 2500 बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. मौजूदा समय में यहां 610 बेड हैं. पहले फेज में जल्द से जल्द 1500 बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. इसके अलावा एक धर्मशाला बनाने के लिए भी कहा है ताकि वहां मरीजों के परिजन ठहर सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध हों इसके लिए एडिशनल डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए. इसके साथ ही रोज की स्थिति के संदर्भ में मीडिया ब्रीफिंग का समय भी निर्धारित करने का निर्देश दिया.
बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि आज मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर के अस्पताल के सभी वार्ड का दौरा किया. अस्पताल की व्यवस्था से मुख्यमंत्री संतुष्ट थे. डॉक्टर की कमी नहीं थी फिर भी कुछ डॉक्टर को एनएमसीएच से भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीमारी के पीछे की वजह किसी ने बच्चों के धूप में खेलना बताया तो किसी ने लीची खाने और मच्छर के काटने की बात कही. जिन बच्चों के घर में बच्चे बीमार हुए हैं उन सभी घरों में डॉक्टरों की टीम जाएगी और इसके पीछे की वजह का पता लगाया जाएगा. अभी तक इस बीमारी का कोई सही पता नहीं चल पा रहा है.
बता दें कि आज जब नीतीश मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पहुंचे तो वहां उन्होंने लोगों का विऱोध झेलना पड़ा. गुस्साए लोगों ने मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाए. नीतीश के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी एसकेएमसीएच पहुंचे थे. लोगों की नाराजगी इसलिए भी बढ़ गई क्योंकि कहा जा रहा है कि नीतीश यहां नौ दिन बाद पहुंचे. जबकि राजधानी पटना से मुजफ्फरपुर सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है. लोग इसी बात से नाराज हैं कि नीतीश कुमार ने यहां आकर स्वास्थ्य व्यवस्था का एक बार भी जायजा नहीं लिया.