मीडिया में साहनी की मौत पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच डीजीपी ओपी सिंह ने जांच का फ़ैसला किया. लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्ण को इसकी ज़िम्मेदारी दी गई. उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीजीपी को दे दी है जिसमें साहनी की मौत का कारण नहीं बताया गया है. जांच रिपोर्ट में एटीएस और उसके काम काज को लेकर सवाल उठाए गए हैं.
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यूपी में एटीएस के एएसपी राजेश साहनी ने 29 मई को अपने ऑफ़िस में गोली मार कर ख़ुदकुशी कर ली थी. उन्होंने कोई सुसाइड नोट नहीं लिखा था. जिस दिन साहनी ने आत्म हत्या की, वे छुट्टी पर थे. उन्होंने अपने ड्राईवर मनोज से कह कर अपने घर से सर्विस रिवाल्वर मँगवाई थी.
एडीजी राजीव कृष्ण की रिपोर्ट में फ़ारेंसिक रिपोर्ट का ज़िक्र किया गया है. कहा गया है कि उनके दाहिने हाथ से ग़न पाउडर मिला है. जिस कमरे में साहनी ने आत्म हत्या की थी. उसका पूरा ब्यौरा दिया गया है.
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एडीजी कृष्ण ने एटीएस के आईजी असीम अरूण, एसएसपी जोगेंद्र कुमार से भी पूछताछ की. इसके अलावा राजेश साहनी के सरकारी ड्राइवर समेत एटीएस के 28 लोगों से पूछताछ हुई. सूत्र बताते हैं कि कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसवालों ने एटीएस में जारी अव्यवस्था के बारे में बताया. राजेश साहनी की पत्नी, उनकी इकलौती बेटी और पिता से भी पूछताछ हुई.
राजेश साहनी की गिनती यूपी के तेज़ तर्रार और ईमानदार अफ़सरों में होती थी. किसी को अब भी यक़ीन नहीं है कि उनके जैसा ज़िंदादिल इंसान आत्म हत्या भी कर सकता है. सुसाइड के लिए उनके पास कोई पारिवारिक वजह भी नहीं थी. अब तक पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने ख़ुदकुशी क्यों की ? सीबीआई ने अब तक इस मामले की जांच शुरू नहीं की है.
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