नोएडा: पूर्व कर्नल और अपर जिलाधिकारी (एडीएम) के बीच हुए विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच पूर्व सैनिकों ने इस मामले में अब निलंबित एडीएम हरीश चंद्र और अन्य की गिरफ्तारी की मांग की है. वायु, थल और जल सेना के पूर्व सैनिकों की आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने सेक्टर-29 स्थित अरूण विहार क्लब में एक आपातकालीन बैठक कर निर्णय किया कि अगर पुलिस ने आरोपी एडीएम और अन्य को गिरफ्तार नहीं किया तो दो दिन बाद सेक्टर 29 स्थित शहीद स्मारक पर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. बैठक में शामिल पदाधिकारी किरन भारद्वाज ने यह जानकारी दी.
क्या था पूरा मामला
बता दें कि सेक्टर 29 में रहने वाले सेवानिवृत्त कर्नल बीपीएस चौहान और उनके पड़ोसी अपर जिलाधिकारी हरीश चंद्र के बीच अवैध निर्माण को लेकर विवाद चल रहा था. आरोप है कि 14 अगस्त को चंद्र ने अपने परिवार के साथ मिलकर पूर्व कर्नल के साथ मारपीट की और उन्हें उल्टे हरिजन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा दिया था.
इसके ख़िलाफ़ नोएडा के रिटायर हो चुके फ़ौजी सड़क पर उतर आए.योगी सरकार को कुछ पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करनी पड़ी. रिटायर्ड कर्नल फिर जेल से छूटे. इसके बाद उन्होंने एडीएम हरिश्चंद्र और उनके परिवार पर एफ़आइआर करा दिया. राज्य सरकार ने एडीएम को निलंबित कर उनके ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी. उनके समर्थन में यूपी के पीसीएस एसोसिएशन ने मीटिंग की. एसोसिएशन के महासचिव पवन गंगवार ने सीएम और फिर चीफ़ सेक्रेटरी से मुलाक़ात की एडीएम के साथी अफ़सर चाहते हैं कि उनके या परिवार के साथ अन्याय न हो.
हरिश्चंद्र की पत्नी उषा ने की मायावती से मुलाक़ात
वहीं निलंबित चल रहे एडीएम रैंक के अधिकारी हरिश्चंद्र की पत्नी उषा ने मायावती से मुलाक़ात की. ये भेंट दिल्ली में हुई. कुछ दलित अफ़सरों की पहल पर बीएसपी की मुखिया ने उषा की बात सुनी. मायावती के आदेश पर बीएसपी नेता लालजी वर्मा ने योगी आदित्यनाथ से भेंट की. उन्होंने एडीएम हरिश्चंद्र, उनकी पत्नी और बेटे पर से हत्या के प्रयास का मुक़दमा ख़त्म करने की मांग की. बीएसपी नेताओं ने तो योगी से एडीएम का निलंबन भी रद्द करने को कहा.
एडीएम मामले के बहाने बीएसपी दलितों को एकजुट करने की कोशिश में है
मीडिया से बात करते हुए पार्टी नेता लालजी वर्मा ने कहा कि सिर्फ़ दलित होने के कारण हरिश्चंद्र को परेशान किया जा रहा है. बीएसपी अब इस बहाने दलितों को एकजुट करने की कोशिश में है. आम तौर पर मायावती इस तरह के मामलों में नहीं पड़ती हैं. लेकिन मौसम चुनावी है. मसला दलित अफ़सर का है. इसीलिए मायावती ने एडीएम के केस को हाथ में लेने में तनिक भी देरी नहीं की.
हाल ही में एससीएसटी एक्ट में संशोधन हुआ था
धर्म संकट में है यूपी की योगी सरकार और बीजेपी दलितों को मनाने के लिए एससीएसटी एक्ट में संशोधन हुआ. तो बीजेपी के स्वर्ण वोटर नाराज़ हो गए हैं और अब ये नई मुसीबत दलित एडीएम के बहाने ही कहीं फिर से विरोध का माहौल न बनने लगे. जिस रिटायर्ड कर्नल वीरेन्द्र सिंह चौहान से उनका झगड़ा हुआ था, वे ठाकुर बिरादरी के हैं.
सोशल मीडिया पर रार, दो गुटों में बंटे लोग
इधर सोशल मीडिया में भी रिटायर्ड कर्नल और एडीएम का ग्रूप अपने तर्कों के साथ कूद पड़ा है. एटीएम हरिश्चंद्र की पत्नी ने रोते हुए एक वीडियो जारी किया है. बीएसपी के नेता इसे शेयर कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि सोगी सरकार में दलित अफ़सर का उत्पीड़न हो रहा है. वहीं रिटायर हो चुके सेना के अफ़सर ये बताने में जुटे हैं कि एडीएम ने कैसे दलित एक्ट का नाजायज़ फ़ायदा उठाया. एक बेक़सूर को जेल जाना पड़ा . रिटायर्ड कर्नल और एडीएम के झगड़े के बहाने राजनीति के नये तर्क गढ़े जा रहे हैं