लखनऊ: मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखे जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र से बरेली, कानपुर और आगरा हवाई अड्डों का नाम भी बदलने का प्रस्ताव किया है. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य नागरिक उड्डयन विभाग ने एक प्रस्ताव में बरेली हवाई अड्डे का नाम 'नाथ नगरी' के नाम पर करने को कहा है जो इस शहर का पुराना नाम बताया जाता है.
नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखने वाले सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में भारतीय वायुसेना के हवाई अड्डे के सिविल टर्मिनल के नाम में बदलाव किया था. इसका नाम महायोगी गोरखनाथ के नाम पर रखा गया था जो नाथ पंथ के संस्थापक थे. मुख्यमंत्री नाथ संप्रदाय की आस्था के सबसे बड़े केंद्र गोरक्षनाथ पीठ के महंत भी हैं.
प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा कि इन तीनों हवाई अड्डों का नाम बदले जाने की अर्से पुरानी प्रतीक्षा है. उन्होंने कहा कि हमने इन हवाई अड्डों के नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है. इस बारे में नागर उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ जल्द ही बैठक होने की संभावना है.
कानपुर के चकेरी हवाई अड्डे का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव है. प्रस्ताव में कहा गया है कि कानपुर को पहले कान्हा पुर के नाम से जाना जाता था और सचेंडी राजा हिंदू सिंह ने इसकी स्थापना की थी. आगरा हवाई अड्डे का नाम दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने का प्रस्ताव किया गया है.
बता दें कि सन 1862 में दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग बनाए जाते समय मुगलसराय रेलवे स्टेशन वजूद में आया था. यह स्टेशन अब ''एकात्म मानवतावाद'' के पुरोधा माने जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल के दौरान इस स्टेशन का नाम बदलने का प्रयास किया था. लेकिन सरकार की यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई थी.