वाराणसी: अगर किसी ने बीएचयू से एमबीबीएस की डिग्री ली है तो उसके लिए डॉक्टर लिखने का कोई नियम नहीं है. इस बात को खुद बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने स्वीकार किया है. यूनिवर्सिटी ने एक आरटीआई के जवाब में चौंकाने वाला जवाब दिया है. इस जवाब से एमबीबीएस, एमडी, एमएस और बीएएमएस की डिग्री लेने वालों के आने नाम के आगे डॉक्टर लिखने पर सवाल खड़ा हो गया है.



आरटीआई एप्लीकेशन पर यूनिवर्सिटी का जवाब कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा है
बीएचयू ने इस बात की जानकारी डाफी इलाके के रहने वाले आशुतोष त्रिपाठी की आरटीआई एप्लीकेशन के जवाब में दी है. आशुतोष ने यूनिवर्सिटी से बीते साल सात जुलाई, 2017 को जानकारी मांगी थी. उन्होंने पांच बिंदुओं पर एमबीबीएस, एमडी, एमएस और बीएएमएस की डिग्री लेने वालों के डॉक्टर लिखने के बारे में जानकारियां मांगीं थी. यूनिवर्सिटी के कोई नियम न होने का जवाब कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा है.


बीएचयू के पहले रायपुर की आयुष यूनिवर्सिटी भी डॉक्टर लिखने के संबंध में यही जवाब दे चुकी है
यूनिवर्सिटी के इस जवाब का यह भी मतलब निकलता है कि कोई नियम नहीं है लेकिन नाम के डॉक्टर लिखना परंपरा बन चुकी है. इससे पहले रायपुर की आयुष यूनिवर्सिटी भी डॉक्टर लिखने के संबन्ध में यही जवाब दे चुकी है. एमबीबीएस, एमडी/एमएस डिग्री पूरी करने के बाद स्टूडेंट्स को रजिस्ट्रेशन कराना होता है. रजिस्ट्रेशन करने वाली बॉडी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई), डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) और सीसीआईएम हैं. दिलचपस बात यह है कि इन संस्थाओं के नियमों में भी 'डॉक्टर" लिखे जाने का जिक्र नहीं है.



इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी कहा- डॉक्टर लिखने का नियम नहीं है
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन वाराणसी के अध्यक्ष डॉ. अरविंद सिंह का कहना है कि यह बात सही है कि कहीं भी डॉक्टर लिखने का नियम नहीं है. एमबीबीएस, एमडी, एमएस और बीएएमएस डिग्रीधारक डॉक्टर लिख सकते हैं और लिखते आ भी रहे हैं. इसी मुद्दे पर 2004 में हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद शासनादेश जारी हुआ कि ऐसे डिग्रीधारक अपने नाम के आगे डॉक्टर लिख सकते हैं. लेकिन इस मुद्दे पर यह तो तय है कि कोई लिखित नियम न होने के चलते ही झोलाछाप भी अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाते हैं और कानूनी शिकंजे से बच भी जाते हैं.