सुप्रीम कोर्ट की हाईवे पर शराब बिक्री पर पाबंदीः योगी सरकार ने दी आंशिक राहत
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के हाईवे पर शराबबंदी वाले आदेश के बाद पैदा हो रही स्थिति का तोड़ निकाला है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के इर्द गिर्द शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार के नए आदेश के मुताबिक़ प्रदेश के सभी शहरों के आंतरिक मार्ग, जो मार्ग राज्यमार्ग की श्रेणी के हैं तथा जिनके पास बाईपास उपलब्ध है, उन राज्य राज्यमार्गों के शहरी हिस्से को अन्य जिला मार्ग तथा उन शहरों को बाईपासों को राज्य राजमार्ग घोषित किया जाता है.
दरअसल जब से हाईवे पर शराब की दुकानों के बंद होने का सिलसिला शुरू हुआ है तब से ज्यादातर दुकाने शहर के बीचो बीच रिहायशी इलाको में शिफ्ट होनी शुरू हो गयी हैं. प्रदेश के कई हिस्सो में इस बात को लेकर लगातार प्रदर्शन भी हो रहे थे. ऐसे में योगी सरकार का ये फैसला बीच का रास्ता निकलने की कोशिश भी हो सकती है. इस फैसले के बाद करीब 550 शराब दूकानें बच जाएगी, जबकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद करीब 7000 दुकानें प्रभावित हुई थीं. क्या है सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर? सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से नेशनल और स्टेट हाईवे के किनारे शराब बिक्री पर रोक लगा दी है और इस पर होटल-रेस्तरां में बिकने वाली शराब पर भी रोक लगा दी है. नेशनल हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर रोक का फैसला कल 1 अप्रैल से लागू हो गया. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साफ किया था कि हाइवे के किनारे शराब की बिक्री पर रोक को लेकर 15 दिसंबर को दिया गया उसका आदेश होटल और रेस्तरां पर भी लागू होता है.ताजा अपडेटः अब इस फैसले से शराब की दुकानों को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़कों की एक नई श्रेणी का ऐलान कर दिया है ताकि उन पर बनी शराब की दुकानें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे से बाहर हो जाएं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे में करीब 7000 दुकानें आई हैं जिनपर 1 अप्रैल से शराब नहीं बेची जा सकती है. हालांकि योगी सरकार के आज के फैसले से करीब 550 शराब की दुकानों को इस आदेश से राहत मिल गई है और उनपर शराब बेची जा सकेगी.
क्या है राज्य सरकार का नोटिफिकेशन? राज्य सरकार के ताजा नोटिफिकेशन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के सभी शहरों के आंतरिक मार्ग जो स्टेट हाईवे की कैटेगरी के हैं और उनके बाईपास भी मौजूद हैं, तो ऐसे हाईवेज को डिस्ट्रिक्ट रोड घोषित किया जाता है. इस तरह स्टेट हाईवे की कैटेगरी से बाहर होने के चलते इनपर स्थित शराब की दुकानें सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से बाहर हो गई हैं.
क्यों लिया गया ये फैसला? राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों (हाइवे) पर लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के पीछे शराब की दुकानों को जिम्मेदार माना जाता रहा है जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया. इसके तहत नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे के बाहर ही शराब की दुकानों को खोला जा सकेगा. वहीं आबकारी विभाग की मानें तो हाईवे पर शराब की बिक्री के साथ उनके दुकानों के बैनर और होर्डिंग पर भी बैन लगाया गया है.