लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के आदेश और सियासी खींचतान के बीच समाजवादी पार्टी (एसपी) संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं. आज सामान शिफ्ट किया जा रहा है. दोनों कहां रहेंगे इसका पता नहीं चला है लेकिन घर का सामान लखनऊ के अलग-अलग जगहों पर रखा जा रहा है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास देने के कानून को रद्द कर दिया था.

इसके बाद राज्य संपत्ति विभाग ने प्रदेश के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला 15 दिन में खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मायावती को आवास खाली करना पड़ रहा है. मायावती अपना सरकारी आवास खाली कर चुकी हैं.




हालांकि, आवास बचाने के लिए काफी कोशिशें हुई. बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने बंगले 13ए, माल एवेन्यू पर 'श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल' का बोर्ड लगाकर यह बताने का प्रयास किया कि उनका बंगला कांशीराम के अनुयायियों की स्मृतियों से जुड़ा है. वहीं मुलायम और अखिलेश ने बंगला खाली करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग को चिट्ठी लिखकर दो साल का वक्त मांगा था. लेकिन राहत नहीं मिली. तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम 23 सालों से पांच विक्रमादित्य मार्ग वाले बंगले में रह रहे थे.

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