लखनऊ: एएसपी राजेश साहनी की मौत के बाद यूपी की एटीएस के कई पुलिस अफसर बगावती मूड में आ गए हैं. आईजी असीम अरूण के खिलाफ इन लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. आगरा में तैनात इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने डीजीपी ओमप्रकाश सिंह को अपना इस्तीफा भेज दिया है.
इस्तीफा देते हुए उन्होंने लिखा है, "राजेश साहनी की आत्महत्या से बेहद दुखी होकर पुलिस व्यवस्था से परेशान होकर मैंने त्यागपत्र दिया है." यतीन्द्र ने इस बात की जानकारी अपने फेसबुक पर भी दे दी है.
अपना 'बंगला' बचाने के लिए मायावती ने चला नया दांव
यतीन्द्र के इस फैसले से एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड में हड़कंप मच गया है. यतीन्द्र को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति का वीरता मैडल भी मिल चुका है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से कहा,"एटीएस में ईमानदार और काम करने वाले लोग घुटन महसूस कर रहे हैं."
राजेश साहनी की मौत के बाद से ही एटीएस के कई पुलिस अफसर अब अपने विभाग की पोल खोलने लगे हैं. अनुशासन के नाम पर कोई कार्रवाई ना हो जाए, इस डर से खुल कर अभी तो कोई नहीं बोल रहा है लेकिन अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर एटीएस के एक डीएसपी ने कहा कि ये भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. यहां जो हमारे साथ होता है उसकी शिकायत किससे करें? एटीएस के एक इंस्पेक्टर को सिर्फ इसी लिए बाहर कर दिया गया क्योंकि उसने छुट्टी पर जाने की जिद कर दी थी.
गहराता जा रहा है ATS अधिकारी राजेश साहनी की मौत का रहस्य
मायावती के राज में ऐंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानि एटीएस का गठन हुआ था. आईजी रैंक के असीम अरुण पिछले दो सालों से इसके बॉस बने हुए हैं. आईएसआई एजेंट पकडे जाने के कुछ मामलों को लेकर भी एटीएस सवालों के घेरे में हैं. कई बार शिकायत ऊपर तक गई लेकिन किसी की नहीं सुनी गयी.
30 मई को एटीएस के एएसपी राजेश साहनी ने अपने ऑफिस में गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी. उनकी छवि एक बेहद ईमानदार और तेज तर्रार पुलिस अफसर की थी. शुरुआत में यूपी पुलिस ने दावा किया था कि घरेलू कारणों से राजेश ने खुदकुशी की थी.
ATS के एएसपी राजेश साहनी ने सर्विस रिवॉल्वर से ऑफिस में खुद को मारी गोली
लेकिन पीपीएस अफसरों के संगठन के बगावती तेवर के बाद योगी सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. पीपीएस एसोसिएशन अब राजेश साहनी के परिवार को एक करोड़ रूपये के असाधारण पेंशन की मांग कर रहा है. कुछ अफसर असीम अरूण को एटीएस के आईजी पद से हटाने की जिद पर अड़े हैं.