इलाहाबाद: यूपी के देवरिया में महिलाओं के शेल्टर होम में कथित यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब सूबे के सभी शेल्टर होम्स की सुरक्षा को लेकर कडा रुख अपनाया है. अदालत ने यूपी के सभी शेल्टर होम्स में अब सीसीटीवी लगाया जाना अनिवार्य कर दिया है. चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने यूपी सरकार को सभी सरकारी शेल्टर होम्स में सरकारी खर्च पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के आदेश दिए हैं.
निजी संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे शेल्टर होम्स में संस्थाओं को अपने खर्च पर सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे. अदालत ने यह काम जल्द से जल्द पूरा किये जाने का आदेश दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि जो प्राइवेट शेल्टर होम्स सीसीटीवी कैमरे न लगाएं, उनकी संस्था का लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए और साथ ही उनकी आर्थिक सहायता भी रोक देनी चाहिए.
देवरिया शेल्टर होम में कथित यौन शोषण मामले की सुनवाई कर रही हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सभी जिलों के जिला जज की निगरानी में तीन जजेज की कमेटी बनाकर उससे हर महीने जिले के सभी शेल्टर होम्स की जांच कराए जाने और वहां की समस्याओं को सामने लाने का सुझाव दिया है और यूपी सरकार से इस बारे में अपनी राय देने को कहा है.
सुनवाई के दौरान इलाहाबाद के शेल्टर होम में रह रही देवरिया की पीड़ितों से मुलाक़ात करने वाले बाहरी लोग पेश हुए और अपना पक्ष रखा. इन्होने सफाई दी कि नियमों की जानकारी न होने की वजह से उन्होंने ऐसा किया. अदालत ने तीनों को अगली सुनवाई पर फिर से पेश होने को कहा है. इसी मामले में इलाहाबाद के डीएम और जिला प्रोबेशन अधिकारी भी कोर्ट में पेश हुए और अदालत से माफी मांगी. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच इस मामले में पांच सितम्बर को फिर से सुनवाई करेगी.