पटनाः सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अपना 5 देशरत्न मार्ग बंगला को खाली करेंगे. बंगले को खाली करने के लिए बिहार सरकार ने तेजस्वी यादव को एक सप्ताह का समय दिया है. सूत्रों ने बताया है कि तेजस्वी यादव आज रात तक पटना लौटेंगे जिसके बाद बंगले को खाली करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. तेजस्वी इन दिनों बिहार में 'बेरोजगारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ' की यात्रा पर निकले हुए हैं.


बंगाल खाली करने को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करता हूं. हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि वो बंगला कब खाली करेंगे. माना जा रहा है कि तेजस्वी बंगला खाली करने के साथ-साथ विधानसभा सत्र में भी हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं. राज्य विधानसभा का बजट सत्र 11 फरवरी से शुरू होगा.


तेजस्वी ने कहा, ''सरकारी आवास मामले में कोर्ट के निर्णय का सम्मान करता हूं. सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ कोर्ट गया था. जो नहीं जानते उनकी जानकारी के लिए बता दूं नेता प्रतिपक्ष के नाते उसी श्रेणी के बंगले का अभी भी पात्र हूं जो अलॉट किया हुआ है. मेरी लड़ाई सरकार के मनमाने तरीकों के खिलाफ थी. कानूनी दायरे में जो लड़ाई लड़नी थी हमने लड़ी है और अभी भी सरकार के अनैतिक, पक्षपातपूर्ण और मनमाने रवैये के खिलाफ लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ते रहेंगे.''


तेजस्वी यादव ने कहा, ''मुझे आवंटित आवास नीतीश जी के मुख्यमंत्री आवास और पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से स्वयं आवंटित 6 बगलों को मिलाकर बनाए गए दो आवासों से सटा हुआ था और उन्हें यह गवारा नहीं था कि हम उनके बगल में रहें. क्योंकि हमारा गेट 24 घंटो गरीब जनता के लिए खुला रहता है और नैतिक बाबू को वहाँ आने वाली भीड़ से नफरत है. जनता से कटे हुए और जूते-चप्पल खाने वालों की यह नफरत स्वाभाविक भी है.''


तेजस्वी का आरोप


* 2005 में जब वो मुख्यमंत्री बने तब उन्हें जो मुख्यमंत्री आवास मिला उसका क्षेत्रफल क्या था? उसका निर्माण क्षेत्र क्या था और आज क्या है?

* उन्होंने 1, अणे मार्ग , मुख्यमंत्री निवास में अगल-बगल के कितने सरकारी आवास किन-किन बहानों से सम्मिलित किए है और क्यों किए है?

* उन्होंने मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से दो आवास क्यों रखे है? क्या वो मुख्यमंत्री के नाते एक ही नौकरी पर पेंशन भी ले रहे है और वेतनमान भी? गजब लूट है.

* पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आवंटित 7, सर्कुलर रोड आवास में उन्होंने अब तक कितने बंगले सम्मिलित किए है? जनता को बताए, जहाँ जिस आवास में जाते है उसके अगल-बगल के सरकारी आवासों पर कब्जा क्यों जमाते हैं?

* उन्होंने दिल्ली में टाइप-8 श्रेणी बंगला क्यों लिया हुआ है? उन्होंने दिल्ली स्थित बिहार भवन में स्थायी रूप से विशेष मुख्यमंत्री सुईट क्यों कब्जा रखा है?

* जेडीयू के विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने 10 बंगलो पर अवैध कब्जा क्यों जमाया हुआ है?

बता दें कि उपमुख्यमंत्री रहते पटना में मिले बंगले को खाली न करने पर अड़े तेजस्वी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया. साथ ही कोर्ट ने समय बर्बाद करने के लिए तेजस्वी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.


उपमुख्यमंत्री पद से हटने के बाद विधानसभा सचिवालय ने तेजस्वी को पटना के 5, देशरत्न मार्ग बंगले के बदले उन्हें 1, पोलो रोड में एक बंगला भी आवंटित कर दिया. लेकिन तेजस्वी यादव इस बंगले को नहीं छोड़ना चाहते थे.


तेजस्वी ने सबसे पहले पटना हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दाखिल की थी जो जो खारिज हो गई थी. सिंगल बेंच के फैसले के बाद जब प्रशासन के लोग बंगला खाली करवाने पहुंचे, तो तेजस्वी ने ये कहते हुए उन्हें रोक दिया कि उनकी अपील डबल बेंच में लंबित है. बाद में डबल बेंच ने भी उनकी अपील खारिज कर दी. तब तेजस्वी बंगला खाली करने की बजाय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए.


तेजस्वी यादव ने कहा, ''मुझे आवंटित आवास नीतीश जी के मुख्यमंत्री आवास और पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से स्वयं आवंटित 6 बगलों को मिलाकर बनाए गए दो आवासों से सटा हुआ था और उन्हें यह गवारा नहीं था कि हम उनके बगल में रहें. क्योंकि हमारा गेट 24 घंटो गरीब जनता के लिए खुला रहता है और नैतिक बाबू को वहाँ आने वाली भीड़ से नफरत है. जनता से कटे हुए और जूते-चप्पल खाने वालों की यह नफरत स्वाभाविक भी है.''


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