आगरा: एक बार फिर यूपी में मेडिकल विभाग की लापरवाही का मामला सामना आया है. आरोप है कि आगरा में एक बुजुर्ग महिला को एंबुलेंस के लिए घंटो धूप में इंतजार करना पड़ा और असका बेटा ऑक्सीजन सिलेंडर लिए अस्पताल के बाहर खड़ा रहा. आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में गुरुवार को अंगूरी देवी को सांस फूलने पर भर्ती किया गया था. उन्हें ऑक्सिजन लगाने के बाद वॉर्ड में शिफ्ट करने के लिए कह दिया गया. ट्रॉमा सेंटर से वॉर्ड काफी दूर था इसलिए एंबुलेंस बुलाई गई. लेकिन एंबुलेंस के लिए मरीज को ट्रॉमा सेंटर काफी देर तक धूप में ही खड़े रहना पड़ा.


बीमार मां का इलाज कराने आए उनके बेटे को कंधे पर ऑक्सिजन सिलिंडर लेकर खड़ा रहना पड़ा. सिलिंडर का कनेक्शन पास में खड़ी बुजुर्ग मां के मास्क से लगा हुआ था. दोनों मां-बेटे वहां एंबुलेंस के इंतजार में घंटों खड़े रहे. हालांकि इस पर एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रमुख अधीक्षक अजय अग्रवाल ने कहा, "ये कोई मामला नहीं है. मरीज की शिफ्टिंग की जा रही थी तो वार्डबॉय ने ऑक्सीजन का सिलेंडर मरीज के बेटे को पकड़ा दिया था, तभी मिडिया वहा आ गयी और फोटो खींचने लगी. फिर भी हम सीएमओ से जांच करवा रहे हे जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी."


हालांकि यूपी में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले भी कई बार प्रदेश के मेडिकल विभाग की लापरवाही सामने आ चुकी है. इससे पहले सहारनपुर में एंबुलेंस में ऑक्सीजन ना होने के कारण एक 45 वर्षीय व्यक्ति उमेश शर्मा की जान चली गई थी. परिजनों ने 108 एम्बुलेंस पर लापरवाही और ड्राईवर पर बदतमीजी का आरोप लगाया था. वहीं यूपी के संभल से भी एक ऐसा ही मामला आया था जहां एक हादसे में घायल हुए युवक को एंबुलेंस नहीं मिला तो उसको मोटरसाइकिल से अस्पताल ले जाया गया और उसकी मौत हो गई.