प्रयागराज: यूपी की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और आगरा की रिजर्व लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जाति के झमेले में फंसे एसपी सिंह बघेल का मंत्रीपद और लोकसभा की उम्मीदवारी अब दोनों ही खतरे में पड़ती हुई नज़र आ रही है.


दरअसल धनगर जाति के एसपी सिंह बघेल यूपी सरकार के जिन नोटिफिकेशंस के आधार पर खुद को अनुसूचित जाति का बताते हुए आगरा की लोकसभा व टूंडला की विधानसभा रिजर्व सीटों से चुनाव लड़ा है, उन तीनों नोटिफिकेशन को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज स्टे कर दिया है. अदालत ने इन नोटिफिकेशन को गलत व संविधान के खिलाफ मानते हुए इनके अमल पर रोक लगा दी है.


अदालत के इस फैसले से कैबिनेट मंत्री व बीजेपी उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उन्होंने जिस टूंडला सीट से विधानसभा और आगरा सीट से लोकसभा के चुनाव लड़े हैं, वह दोनों ही अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं.


अदालत के आज के फैसले के आधार पर एसपी सिंह बघेल अनुसूचित जाति के बजाय पिछड़े वर्ग में रहेंगे तो दोनों ही सीटों पर हुए चुनाव में उनकी उम्मीदवारी भी गलत हो जाएगी. हालांकि अदालत ने अभी सिर्फ तीनों नोटिफिकेशन को स्टे ही किया है, लेकिन अगर अंतिम फैसले में इसे रद्द कर दिया तो योगी के मंत्री की मुश्किलें और बढ़नी तय हैं.


हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आज के अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि अनुसूचित वर्ग में शामिल जातियों में किसी जाति को बढ़ाने या घटाने के मामले में सिर्फ सिर्फ देश की संसद ही फैसला ले सकती है और इस बारे में केंद्र व राज्य सरकारें नोटिफिकेशन के जरिये कोई फेरबदल नहीं कर सकती हैं. अदालत ने इसी आधार पर यूपी सरकार के नोटिफिकेशंस पर रोक लगा दी है.


गौरतलब है कि साल 2013 में यूपी की तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर धनगर जाति को पिछड़े वर्ग से हटाकर अनुसूचित जाति में कर दिया था. साल 2016 के दिसम्बर महीने में भी इसी तरह का एक नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसी आधार पर बीजेपी के तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एसपी सिंह बघेल ने अपना अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया और साल 2017 के विधानसभा चुनाव में फिरोजाबाद की टूंडला रिजर्व सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा.


विधायक चुने जाने के बाद उन्हें यूपी की योगी सरकार में कई विभागों का कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. हालांकि चुनाव ख़त्म होने के बाद ही टूंडला सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बीएसपी उम्मीदवार राकेश बाबू ने इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की. बाद में धनगर जाति को एससी में शामिल करने के यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ कई अन्य अर्जियां भी दाखिल हुईं.


इस बीच योगी सरकार ने भी इसी साल जनवरी महीने में नया नोटिफिकेशन जारी कर धनगर जाति को ख़ास तौर पर एससी का जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने का फरमान सुनाया. जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राजेंद्र कुमार की डिवीजन बेंच ने सभी तीनों नोटिफिकेशन को गलत माना और इनके अमल होने पर रोक लगा दी. एसपी सिंह बघेल यूपी की योगी सरकार में पशुधन, लघु सिंचाई व मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री है.