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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP: आगरा के हस्तशिल्प उद्योग को अनलॉक-1 में भी नहीं मिली कोई छूट, सरकार से की स्मारक खोलने की मांग
आगरा के हस्तशिल्प उद्योग को अनलॉक-1 में भी खोलने की कोई छूट नहीं मिली है. ऐसे में इस उद्योग से जुड़े कारीगरों ने सरकार ने स्मारक खोलने की मांग की है, ताकि उनका कारोबार फिर से चल सके.
आगराः यूपी का आगरा शहर पर्यटन के नक्शे पर देश ही नहीं, दुनिया में अपनी एक विशेष पहचान रखता है, आजकल निराशा के भंवर में डूबा हुआ है. वजह है कोविड-19. कोरोना काल में आगरा के ताजमहल समेत सभी स्मारक 17 मार्च से बंद पड़े हैं. ऐसे में पर्यटन उद्योग पूरी तरह से ठप पड़ गया है. वहीं, टूरिज्म इंडस्ट्री पर पूरी तरह निर्भर हस्तशिल्प उद्योग पर भी इसका असर पड़ा है. कोरोना काल में हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े करीब एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं. ये लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि स्मारकों को शर्तों के साथ खोला जाए, ताकि उनके हस्तशिल्प उद्योग का पहिया फिर से घूम सके और रोजी-रोटी का संकट दूर हो.
सफेद संगमरमरी बेजान पत्थर को अपने हुनर से जीवंत बनाकर आपके घरों, ऑफिस की शोभा बढ़ाने वाले ये कारीगर आज दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं कर पा रहे है. एक तरफ कोरोना के कारण इनका काम पूरी तरह से ठप है. वहीं, दूसरी तरफ 100 के करीब हस्तशिल्प से जुड़े एंपोरियम पर भी ताला लटका हुआ है. जिसकी एक मात्र वजह है अनलॉक-1 में ताज समेत किसी भी स्मारक को खोलने की अनुमति ना मिलना. ऐसे में जब एबीपी न्यूज नेटवर्स ने इन एंपोरियम से जुड़े व्यवसायियों और कारीगरों से बात की, तो उन्होंने बताया कि उनकी स्थिति बेहद खराब चल रही है.
एंपोरियम मालिक विवेक अग्रवाल कहते हैं कि चार महीने हो गए हैं, सब कुछ बंद पड़ा है. अभी पता नहीं कि कब तक स्मारक बंद रहेंगे. अब तक तो जुगाड़ करके स्टाफ और कारीगरों को सैलरी दे दी, लेकिन अब काफी मुश्किल हो रही है, क्योंकि जब तक स्मारक नहीं खुलेंगे, हमारा काम नहीं चलेगा, क्योंकि हमारा पूरा सामान देश और विदेश से आए टूरिस्ट ही खरीदते हैं, लोकल परचेज तो ना के बराबर होती है.
वहीं, विवेक अग्रवाल के भाई राहुल बताते हैं कि अगर कल स्मारक खुल भी जाएं, तो भी पूरे साल मार्केट में रौनक नहीं आने वाली. ऐसे में इस कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े एक लाख लोगों की रोजी- रोटी पर भयंकर संकट है.
हस्तशिल्प से जुड़े लोगों का कहना है कि अन्य कारोबार शर्तों के साथ खोले गए हैं, तो स्मारक भी शर्तों के साथ खोले जा सकते हैं. ऐसे में सरकार उनके लिए कुछ सोचें और हस्तशिल्प उद्योग के लिए एक राहत पैकेज जारी करें, क्योंकि ये बहुत महंगा व्यवसाय है और एक आर्टिकल बनाने में कई दिन लग जाते हैं. ऐसे में काम बंद होने से घर चलाना मुश्किल हो गया है. इंटरनेशनल फ्लाइट्स भी खोली जाएं, ताकि विदेशी मेहमान आ सकें और टैक्स दरों में राहत दी जाए. कुल मिलाकर आगरा की टूरिज्म इंडस्ट्री अभी भी पूरी तरह से ठप है और उसका सीधा असर हस्तशिल्प उद्योग पर पड़ा है. इससे जुड़े सभी लोग सरकार की ओर आशाभरी निगाहों से देख रहे हैं.
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