नई दिल्लीः लंबे इंतजार के बाद आखिरकार यूपी कांग्रेस में फेरबदल का एलान हो गया. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय कुमार लल्लू को यूपी कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है. ओबीसी वर्ग के वैश्य जाती से आने वाले लल्लू लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. वह मौजूदा अध्यक्ष राज बब्बर की जगह लेंगे. वहीं लल्लू की जगह आराधना मिश्रा को यूपी विधायक दल की कमान मिली है.
अजय कुमार लल्लू का सफर बेहद संघर्ष भर रहा है. यूपी कांग्रेस में युवा नेताओं में से एक लल्लू जन आंदोलनों में शामिल रहे हैं. उनकी इसी पहचान को कभी राहुल गांधी ने पसंद किया और अब यूपी कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्हें अपनी टीम का कप्तान बनाया है. लोकसभा चुनाव के बाद प्रियंका गांधी ने पूर्वी यूपी की कमिटियां भंग कर नए सिरे से संगठन बनाने की जिम्मेदारी अजय कुमार लल्लू को दी थी. तभी ये साफ हो गया था कि आगे लल्लू को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. पिछले दिनों में प्रदेश में हुए आंदोलनों के दौरान भी लल्लू नेतृत्व करते हुए नजर आए थे.
चार उपाध्यक्ष, 12 महासचिव
कांग्रेस ने प्रदेश में चार उपाध्यक्ष बनाए हैं. इनमें से दो को संगठन और दो को आनुषंगिक संगठनों की जिम्मेदारी दी है. उपाध्यक्ष बनाए गए वीरेंद्र चौधरी को पूर्वी यूपी संगठन और पंकज मलिक को पश्चिमी यूपी संगठन की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं ललितेश पति त्रिपाठी को प्रदेश यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, ओबीसी विभाग किसान कांग्रेस, महिला कांग्रेस और दीपक कुमार को सेवा दल, एससी-एसटी विभाग, अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी मिली है.
इनके अलावा 12 महासचिव और 24 सचिव बनाए गए हैं. अहम बात ये है कि पहले यूपी प्रदेश कांग्रेस कमिटी में करीब 500 लोग होते थे लेकिन नई कमिटी में 50 से भी कम लोग हैं. समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश साफ नजर आती है. खास तौर पर ओबीसी समाज के नेताओं का प्रतिनिधित्व सबसे ज्यादा है.
युवा नेताओं का विकास, वरिष्ठ नेताओं का साथ
जहां तक वरिष्ठ नेताओं का सवाल है तो 18 वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार समिति बनाई गई है जिसकी अध्यक्षता प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी. इनमें मोहसिना किदवई, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, राजीव शुक्ला, आरपीएन सिंह, सलमान खुर्शीद, राशिद अल्वी, अजय राय आदि प्रमुख नाम हैं. आठ नेताओं का एक रणनीतिक समूह भी बनाया गया है. इनमें जितिन प्रसाद, राजीव शुक्ला, इमरान मसूद जैसे नेता हैं.
कुल मिलाकर प्रियंका गांधी ने अपनी नई टीम में कमान तो युवा नेतृत्व के हाथों में दी है लेकिन अनुभवी नेताओं को भी साथ लिया है. यूपी कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की औसत आयु लगभग 40 साल है.
प्रियंका गांधी की अग्निपरीक्षा
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी का प्रभारी बनाया गया था. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केवल सोनिया गांधी की रायबरेली सीट जीत पाई. राहुल गांधी अमेठी में हार गए. लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पश्चिमी यूपी के प्रभारी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से अनौपचारिक तौर पर प्रियंका गांधी ही पूरे यूपी का काम देख रही हैं. हालांकि अभी इस बाबत आधिकारिक एलान का इंतजार है.
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद फिलहाल प्रियंका की परीक्षा ग्यारह विधानसभा सीटों के उपचुनाव में होनी है. 21 अक्टूबर को इन सीटों पर मतदान है. लोकसभा चुनाव के बाद से पिछले महीनों में प्रियंका गांधी यूपी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ती. उनके निर्देश पर यूपी कांग्रेस लगातार सड़कों पर आक्रामक नजर आई है. सोनभद्र, उन्नाव और शाहजहांपुर कांड के बाद कांग्रेस का आंदोलन इसके उदाहरण हैं. प्रियंका का असली लक्ष्य 2022 विधानसभा चुनाव है जिसके मद्देनजर उन्होंने अपनी नई टीम का एलान कर दिया है. आगे अब उनकी और उनकी नई टीम की अग्निपरीक्षा होनी है.
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