प्रयागराज: कुंभ मेले में होगी एक और धर्म संसद, अब अखाड़ा परिषद करेगा आयोजन
द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की तीन दिनों की परम धर्म संसद जहां सोमवार से शुरू हो चुकी है, वहीं वीएचपी की दो दिनों की धर्म संसद 31 जनवरी से शुरू होगी.
प्रयागराज: प्रयागराज के कुंभ मेले में राम मंदिर समेत दूसरे अहम मुद्दों पर दो धर्म संसद बुलाई गईं हैं. द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की तीन दिनों की परम धर्म संसद जहां सोमवार से शुरू हो चुकी है, वहीं वीएचपी की दो दिनों की धर्म संसद 31 जनवरी से शुरू होगी.
दोनों ही धर्म संसदों में ख़ास तौर पर राम मंदिर मुद्दे पर चर्चा होनी है, लेकिन अखाड़ों से जुड़े साधू संतों को इन दोनों ही धर्म संसदों से कोई ठोस नतीजा निकलने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में अखाड़ा परिषद कुंभ में अलग से धर्म संसद बुलाने की तैयारी में है.
अखाड़ा परिषद ने इसका खाका भी तैयार कर लिया है. यह धर्म संसद भी कुंभ मेले में ही होगी, जिसमे नागा सन्यासियों की अगुवाई में प्रयागराज कुंभ के शाही स्नान ख़त्म होने के बाद यहीं से सीधे अयोध्या कूच करने का कड़ा फैसला भी हो सकता है.
अखाड़ा परिषद ने अपनी धर्म संसद की तारीखों का अभी औपचारिक एलान नहीं किया है. औपचारिक एलान वीएचपी की धर्म संसद ख़त्म होने के बाद किया जाएगा.
इस बारे में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी पंचानन गिरि का कहना है कि शंकराचार्य और वीएचपी दोनों की धर्म संसद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हो रही हैं, इसलिए इन दोनों से ही कोई ठोस नतीजा निकलने की कोई उम्मीद नहीं है. इसी वजह से अखाड़ा परिषद अलग धर्म संसद करना चाहता है. यह धर्म संसद इसलिए बेहद ख़ास होगी क्योंकि इसमें अखाड़ों से जुड़े साधू संत शामिल होंगे.
राम मंदिर निर्माण मुद्दे को लेकर कुंभ में बीन बजा रहे हैं हरियाणा के कलाकार
यागराज के कुंभ मेले में हर तरफ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर ही चर्चा हो रही है. मेले में मौजूद संत महात्मा जहां सरकार और अदालत से आस लगाए बैठे हुए हैं तो वहीं हरियाणा से आए कलाकारों की एक टोली अनूठे अंदाज़ में मंदिर निर्माण की अलख जगा रही है.
हरियाणा के लोक कलाकार ताराचंद की अगुवाई वाली यह टोली कुंभ मेले में बीन और डमरू बजाकर मंदिर निर्माण की मांग कर रही है. इस टोली का मानना है कि मंदिर मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह सोई हुई है, इसलिए उसे नींद से जगाने के लिए बीन बजाई जा रही है. सरकार की नींद तोड़ने के लिए ही बीन के साथ ही डमरू व दूसरे वाद्य यंत्र भी बजाए जा रहे हैं.
बीन व डमरू बजाने वाले ये कलाकार पूरे कुंभ मेले में दिन भर घूमते रहते हैं. जहां भी यह खड़े होते हैं, इनकी बीन की धुन व डमरू की आवाज़ सुनने के लिए लोगों की खासी भीड़ इकट्ठी हो जाती है. भीड़ जुटने के बाद यह मंदिर निर्माण के लिए गीत भी गाते हैं और भीड़ में शामिल लोगों से सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करने की अपील करते हैं.
राम मंदिर निर्माण के लिए बीन बजाकर सरकार को जगाने का हरियाणा के कलाकारों का यह अंदाज़ कुंभ मेले में आए लोगों को काफी पसंद आ रहा है. इनकी बीन व डमरू की धुन इतनी शानदार होती है कि जिसकी आवाज़ पड़ते ही लोग खुद ब खुद रुक जाते हैं.