इलाहाबाद: संगम के शहर इलाहाबाद में दो महीने बाद लगने जा रहे कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर योगी सरकार के रवैये पर अखाड़ों के साधू -संतों ने गहरी नाराज़गी जताई है. नाराज़ साधू -संतों ने सीएम योगी द्वारा शनिवार को इलाहाबाद में बुलाई गई मार्गदर्शक मंडल की बैठक का बायकॉट कर उसमें शामिल नहीं होने का मन बनाया है.


साधू संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इसके लिए आज शाम छह बजे इलाहाबाद में इमरजेंसी बैठक बुलाई है. इस बैठक में ही यह तय होगा कि गवर्नर राम नाइक और सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शनिवार शाम इलाहाबाद में होने वाली मार्गदर्शक मंडल की बैठक में शामिल हुआ जाए या नहीं.


अखाड़ों के साधू - संतों का मानना है कि एक संत सीएम के राज में भी अगर उन्हें सुविधाओं के लिए भटकना पड़े और कहीं उनकी सुनवाई न हो तो यह स्थिति बेहद खराब है.


साधू -संतों की सबसे ज़्यादा नाराज़गी कुंभ के लिए होने वाले कामों पर नज़र रखने के लिए संतों की निगरानी कमेटी गठित नहीं किये जाने, अखाड़ों के पक्के निर्माण के लिए एक करोड़ की निर्धारित रकम को नहीं बढ़ाए जाने और कुंभ के लिए हो रहे कामों में देरी व उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने के साथ ही गंगा को अब प्रदूषण रहित करने के लिए अब तक कोई ठोस इंतजाम नहीं किये जाने की वजह से है.


इस बारे में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का कहना है कि सरकारी अमला पूरी तरह मनमानी कर रहा है और संत - महात्माओं की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है, ऐसे में गवर्नर व सीएम के साथ बैठक करने का कोई मतलब नहीं हैं, क्योंकि पिछली कई बैठकों में हुए फैसलों व वायदों पर अब तक अमल नहीं हो सका है.


अखाड़ा परिषद की आपात बैठक आज शाम छह बजे कीडगंज में बड़ा पंचायती अखाड़े के मुख्यालय में होगी. अखाड़ों के संतों द्वारा आपात बैठक बुलाए जाने से सरकारी अमले में हड़कंप मचा हुआ है और बड़े अधिकारी नाराज़ साधू संतों को मनाकर उनकी नाराज़गी दूर करने की कोशिश में लगे हुए हैं.