प्रयागराज: शंकराचार्य स्वरूपानंद और वीएचपी की धर्म संसद में अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे पर कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद अब साधू संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नागा सन्यासियों की अगुवाई में अयोध्या कूच का एलान किया है.
अखाड़ा परिषद ने तय किया है कि चार मार्च को प्रयागराज के कुंभ मेले के समापन के साथ ही अखाड़ों से जुड़े साधू संत मंदिर निर्माण के आंदोलन को तेज करने के लिए सीधे अयोध्या कूच करेंगे. अयोध्या कूच की अगुवाई अखाड़ों के नागा सन्यासी करेंगे.
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अयोध्या कूच की तारीख का औपचारिक एलान बसंत पंचमी के शाही स्नान के बाद किया जाएगा. यह फैसला अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की शनिवार को कुंभ मेले में हुई बैठक में लिया गया. अखाड़ा परिषद की बैठक में कुंभ में हुई दोनों धर्मसंसदों के फैसलों से असहमति भी जताई गई. इस बैठक में कई अन्य फैसलों पर भी चर्चा की गई.
विहिप की धर्म संसद
विहिप की धर्म संसद के आखिरी दिन शुक्रवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया है कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण होने तक राम भक्त हिंदू न चैन से बैठेगा और न ही किसी को चैन से बैठने देगा.
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प्रस्ताव में कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि न्यास की अधिगृहीत भूमि उसे वापस करने की अनुमति देने के लिए केंद्र द्वारा उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने के कदम का यह धर्म संसद स्वागत करती है.
प्रस्ताव के मुताबिक, "वर्तमान केंद्र सरकार से संत समाज की अपेक्षाएं हैं और भूमि वापसी की हमारी प्रार्थना पर तुरंत कार्रवाई करके इन्होंने अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट कर दी है. राम मंदिर के निर्माण में विलंब अवश्य हुआ है लेकिन हमें विश्वास है कि वे राम मंदिर सहित हिंदू गौरव से जुड़े अन्य मुद्दों के समाधान की दिशा में सार्थक कदम उठाएंगे."