लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश की एसपी सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समाज को 400 से अधिक छोटे-बड़े साम्प्रदायिक दंगों के गहरे ज़ख़्म देने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सिर्फ सांकेतिक तौर पर ‘अल्पसंख्यक अधिकार दिवस’ मनाने से इन वर्गों के लोगों का भला होने वाला नहीं है.



मायावती ने कहा कि प्रदेश की एसपी सरकार के कार्यकाल में मुजफ्फरनगर फसाद समेत 400 से अधिक साम्प्रदायिक दंगे करवाकर अल्पसंख्यकों को गहरे जख्म देने वाली एसपी सरकार को उसी तरह याद किया जाएगा जैसे बीजेपी को विवादित ढांचा विध्वंस के लिये और कांग्रेस पार्टी को मुरादाबाद, हाशिमपुरा-मलियाना, भागलपुर, भिवण्डी आदि साम्प्रदायिक दंगों के लिये याद किया जाता है.


उन्होंने कहा कि सिर्फ बीएसपी के शासनकालों में ही प्रदेश दंगा-मुक्त रहा और सर्वसमाज के लोगों के जानमाल व मज़हब एवं उनके धार्मिक स्थल सुरक्षित रहे हैं. मायावती ने कहा कि बीएसपी सरकार का रिकॉर्ड खासकर अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था के साथ-साथ पीड़ित लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के मामले में काफी अच्छा रहा है.


मोदी सरकार ने जनता को दिया सबसे ज्यादा दुख: मायावती


बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार देश की लगभग 90 प्रतिशत आम जनता को आजाद भारत की सबसे ज्यादा दुख व तकलीफ देने व 'उनके चेहरों का नूर उतारने' वाली सरकार साबित हुई है.


नोटबंदी से उत्पन्न जनसमस्या पर टिप्पणी करते हुए मायावती ने कहा है कि जनहित व जनकल्याण के प्रति ऐसी बेपरवाह व गैर-जिम्मेदार सरकारों को जनता कभी भी माफ नहीं करती है. बीएसपी अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर जनता के साथ 'इंडिया शाइनिंग' जैसी अटखेलियां करने का जुर्म करने का आरोप भी मढ़ा है.



देश की आम जनता की दुख-तकलीफों का मजाक


मायावती ने एक बयान में कहा है कि बीजेपी के नेतागण व केंद्र की बीजेपी सरकार एवं उनके मंत्रीगण नोटबंदी के अभूतपूर्व फैसले की वैसी ही वाहवाही कर रहे हैं जैसे इनकी पूर्व की केंद्र की सरकार में 'इंडिया शाइनिंग' की वाहवाही करके देश की आमजनता की दुख-तकलीफों का मजाक उड़ाया था.


उन्होंने कहा, "बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ना तो साल 2004 के 'इंडिया शाइनिंग' से कुछ सबक सीखा है और ना ही खासकर उत्तर प्रदेश के अपने सांसदों की फीडबैक से सबक सीखने की कोशिश कर रही है. नोटबंदी से भारत एक संकटग्रस्त देश बन गया है, जहां लोग अपनी कमाई के पैसे के भी मोहताज बन कर रह गए हैं."


नोटबंदी से आमजनता की नहीं, बल्कि प्रतिपक्षी पार्टी के नेताओं की 'हवाइयां' उड़ी


बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व व केंद्रीय मंत्रीगण बीएसपी सहित उन विपक्षी पार्टियों की आलोचना कर रहे हैं व कह रहे हैं कि नोटबंदी से आमजनता की नहीं, बल्कि प्रतिपक्षी पार्टी के नेताओं की 'हवाइयां' उड़ी हुई हैं. बीजेपी व उसकी सरकार की इस प्रकार की जनउपेक्षा व अहंकारी रवैया अति-निंदनीय है तथा बीएसपी इसकी तीव्र निंदा करती है.


मायावती ने कहा, "वास्तव में देशभर में बैंकों व एटीएम के बाहर लंबी कतार में खड़े मेहनतकश लोगों की मुसीबत कम होने को नाम ही नहीं ले रही है. उन्हें वह थोड़ा पैसा भी अपने निजी खर्च के लिए नहीं मिल पा रहा है, जिसका वादा सरकार ने नोटबंदी के समय में किया था. यह सरकार की घोर विफलता नहीं तो और क्या है?"


उन्होंने कहा, "लोगों का धैर्य अब खत्म होता जा रहा है, अब यह कानून- व्यवस्था की नई समस्या में बदलता जा रहा है और उन्हें पुलिस के डंडे भी खाने पड़ रहे हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश की एसपी सरकार का रवैया भी जनसहयोग का नहीं, बल्कि अपनी पुरानी मित्र व सहयोगी पार्टी बीजेपी के साथ सुर में सुर मिलाने का ही लगता है."