अदालत ने साथ ही चेतावनी भी दी है कि वहां पर किसी तरह के आधारभूत ढांचे का निर्माण नहीं किया जायेगा. दरअसल, दोनों लोगों ने अदालत को आश्वस्त किया कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने बदली परिस्थितियों में हेरिटेज होटल बनाने का इरादा त्याग दिया है और उक्त बंगले का सिर्फ खुद के रहने के लिए इस्तेमाल करेंगे.
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यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की पीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी की एक अर्जी पर जारी किया. उक्त भूखंड पर 1940 के आसपास एक बंगला बनाया गया था.
पूर्व मुख्यमंत्री व उनकी पत्नी की ओर से वरिष्ठ वकील जेएन माथुर और अमित कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि उक्त भूखंड पर हेरिटेज होटल बनाने के लिए एलडीए से अनुमति मांगने के लिए अर्जी दी गयी थी, लेकिन अब अर्जी वापस ले ले ली जाएगी और उस बंगले को केवल रहने के लिए उपयोग में लाएंगे.
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