लखनऊ में मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती
समाजवाद की दुहाई देने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ठाकुरों की नाराजगी को दूर करना चाहते हैं, उन्हें नज़दीक लाने के लिए लखनऊ दफ्तर में अखिलेश ने महाराणा प्रताप जयंती मनाई. यूपी में योगी सरकार बनने के बाद उनकी पार्टी के एमएलसी यशवंत सिंह ने योगी के लिए इस्तीफ़ा दे दिया था, कई ठाकुर नेता एसपी का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
बीएसपी से नज़दीकी बढ़ने के बाद मायावती के विरोधी रहे राजा भैया ने भी एसपी का साथ राज्यसभा चुनाव में छोड़ दिया था.कभी पार्टी के सबसे बड़ा ठाकुर चेहरा रहे अमर सिंह भी गाहे बेगाहे अखिलेश को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं.
अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के पहले ठाकुर वोटरों को अपने करीब लाना चाहते हैं. लखनऊ में उन्होंने महाराणा प्रताप जयंती मनाई और कहा उनके इस आयोजन के बाद विरोधी पार्टियों में हलचल हैं. अखिलेश ने क्षत्रिय समाज से अपील की आप मेरी पगड़ी बचाइए , हम आपकी बचाएंगें.
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा- अखिलेश करते हैं महापुरुषों का अपमान
अब अखिलेश यादव के इस आयोजन पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है, बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है समाजवाद की दुहाई दने वाले अखिलेश यादव का ये जातीय राजनीती और तुस्टीकरण का चेहरा है. इस तरह का आयोजन करके वो हमेश की तरह जातीय राजनीति कर रहे हैं , लेकिन इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है, क्योंकि जातीय समीकरण साधने के इरादे से किए गए इस आयोजन ने महाराण प्रताप का सम्मान नहीं किया है बल्कि अपमान किया है.