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बनने लगा है अखिलेश का बंगला, बोले-बनूंगा सीएम योगी का पड़ोसी
यूपी में सभी पूर्व मुख्य मंत्रियों को सरकारी बंगला मिलता है.वो भी मामूली किराए पर. अखिलेश यादव 42 सौ रुपए किराया देते हैं. अपना और अखिलेश का घर बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाक़ात की थी.
लखनऊ: अखिलेश यादव का लखनऊ में घर बनने लगा है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दो सालों तक सरकारी बंगले में रहने की इजाज़त मांगी है. कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने अखिलेश को 2 जून तक घर ख़ाली करने को कहा था. लेकिन उन्होंने अपनी ज़ेड प्लस सुरक्षा का हवाला देते हुए मकान में अभी और रहने की चिट्ठी भेज दी थी.
यूपी में सभी पूर्व मुख्य मंत्रियों को सरकारी बंगला मिलता है.वो भी मामूली किराए पर. अखिलेश यादव 42 सौ रुपए किराया देते हैं. अपना और अखिलेश का घर बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाक़ात की थी.
अखिलेश ने कहा- बनूंगा सीएम योगी का पड़ोसी
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का घर बनने लगा है. अभी जहां वे रहते हैं, उस से मुश्किल से दो सौ मीटर दूर उनकी जमीन है. सरकार जाने के बाद साल भर से वे 4 विक्रमादित्य मार्ग के बंगले में रहते हैं. जिसका इंटीरियर और डिज़ाइन संजय सेठ ने बनवाया है. वे समाजवादी पार्टी के सांसद और लखनऊ के एक बडे बिल्डर भी हैं. घर बनाने का काम शुरू होने की जानकारी खुद अखिलेश यादव ने ही दी . वे बोले “ मेरा घर बनने लगा है. पहले तो हम दूर थे लेकिन अब हमारा घर सीएम के बग़ल में हो गया है. यूपी के मुख्य मंत्री का सरकारी बंगला 5 कालिदास मार्ग पर है.
मुलायम-अखिलेश ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई थी गुहार
बता दें मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव ने लखनऊ में अपने सरकारी बंगले खाली करने के लिए ‘उचित’ समय देने का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था. ये बंगले राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित किए थे.
सात मई को आया था सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के सात मई के फैसले के संदर्भ में मुलायम सिंह यादव और उनके बेट अखिलेश यादव ने यह आवेदन दायर किया है. कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले आवंटित करने के लिए संबंधित कानून में किया गया संशोधन निरस्त कर दिया था. इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने हैं.
दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने आवेदन में सरकारी बंगले खाली करने के लिए उचित समय देने का अनुरोध किया है.शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सरकारी आवास अपने पास नहीं रख सकते. कोर्ट ने कहा था कि पद से हटने के बाद मुख्यमंत्री भी आम जनता के समान ही होता है.
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तहसीन मुनव्वरवरिष्ठ पत्रकार
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