लखनऊ: रायबरेली जिला कारागार में बंद अपराधियों द्वारा बाहर से शराब मंगाने और जेलर को रिश्वत देने का हिसाब-किताब बताये जाने का वीडियो वायरल होने के बाद इसी जेल के दो और फुटेज सामने आये हैं. इनमें कैदियों ने जेलकर्मियों और राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के अधिकारियों से जान का खतरा बताया है. इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जेलों की व्यवस्था पर प्रदेश सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा,'' उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जब से बीजेपी के स्टार प्रचारक बन गए हैं. ज्यादातर समय वे दूसरे राज्यों के दौरे पर रहते हैं. यहां प्रदेश की जेलों में वास्तविक रामराज आ गया है.

अखिलेश ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी ऐसा ही रामराज पूरे प्रदेश में लाने का इरादा रखते हैं.' ने कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही योगी ने कहा था कि अपराधी जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर जाएंगे. बाहर तो अपराधी गए नहीं. यहीं प्रदेश में अपहरण, लूट, हत्या की रोजाना वारदातें करते घूम रहे हैं. दूसरी तरफ जो जेल में है उन अपराधियों के लिए भी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. सबका साथ सबका विकास का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा.'

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इन दो नये वीडियो में से एक में अंशु दीक्षित नामक एक कैदी ने आरोप लगाया है कि उसे और उसके दो साथी बंदियों सोहराब खान और डी. एस. सिंह को जेल के अधिकारियों और एसटीएफ के अफसरों से जान का खतरा है.

वीडियो में रायबरेली जेल में ही कुछ कैदियों द्वारा किसी को फोन करके बाहर से शराब मंगाये जाने और जेलर को रिश्वत देने का हिसाब-किताब बताये जाने का वीडियो वायरल होने के मद्देनजर मुख्य जेल अधीक्षक समेत छह जेल अफसरों के निलम्बन की कार्रवाई होने के एक दिन बाद सामने आया है.

दीक्षित ने कथित रूप से जान का खतरा पैदा करने वाले कुछ अफसरों के नाम लेते हुए कहा कि अगर उसकी और उसके साथियों की हत्या हो जाती है तो इन्हीं अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिये.

एक अन्य वीडियो में दीक्षित और उसके एक साथी कैदी ने जेल में खराब गुणवत्ता वाला भोजन दिये जाने और जेल के अंदर ही कुछ खास कैदियों के लिये समानान्तर कैंटीन चलाये जाने के आरोप लगाये.

दोनों ने आरोप लगाया ‘‘कैंटीन में मिठाई, आलू पराठा, सिगरेट और अन्य चीजें उपलब्ध हैं. बड़ी संख्या में कैदियों को ये सुविधाएं दी जाती हैं और इसके जरिये रोजाना लाखों रुपये जुटाये जाते हैं. यह रकम जेल प्रबंधन के अधिकारियों और कर्मचारियों में नीचे से ऊपर तक पहुंचती है.