लखनऊ: सरकारी बंगला छोड़ने के बाद से अखिलेश यादव फ़ॉर्म में हैं. पत्नी डिंपल और बच्चों संग वे 2 जून से वीवीआईपी गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं. घर छोड़ने के बाद से यूपी के पूर्व सीएम का रूटीन बदल गया है. सवेरे सवेरे अखिलेश गोमती रिवर फ़्रंट पर साइकिल चलाते हैं और फिर दोस्तों संग पार्क में क्रिकेट खेलते हैं. दिन में समाजवादी पार्टी ऑफ़िस पहुंच जाते हैं. नेताओं से मिलना- मिलाना, हाल चाल और संगठन की जानकारी कर लेते हैं.


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दिन भर में एक दो उद्घाटन और भाषण कर लेते हैं. कभी किसी स्कूल चले जाते हैं तो कभी किसी प्रदर्शनी में. शाम में सैर करने जनेश्वर मिश्र पार्क भी पहंच जाते हैं. अखिलेश यादव का किराए का घर अभी तैयार नहीं हुआ है.


समाजवादी पार्टी ऑफ़िस में अति पिछड़ी जाति के नेताओं के संग अखिलेश यादव ने बैठक की. एमवाई यानी मुस्लिम यादव समीकरण का विस्तार करते हुए अखिलेश अब इसमें निषाद, प्रजापति, कश्यप जैसी जातियों को जोड़ने में लगे हैं.


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मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा," अगर बीजेपी 50 प्रतिशत वोटरों को जोड़ने का दावा करती है तो हमारा टारगेट 70 प्रतिशत वोटर हैं."


बीएसपी और आरएलडी के साथ गठबंधन का उनका प्रयोग हिट साबित हुआ है. कैराना, गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव में विपक्ष की जीत हुई. नूरपुर विधानसभा सीट भी बीजेपी ने गंवा दी. अकिलेश ने कहा बीजेपी के नेता घमंडी हैं. उन्होंने बीजेपी को लोकतंत्र के लिए ख़तरा भी बताया.